Exotic Vegetable Farming: क्या आप जानते हैं कि हॉप शूट्स दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों में से एक है. ये एक औषधीय फूल है, जिसका इस्तेमाल शराब बनाने में किया जाता है, हालांकि इसमें कई औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं, जो इसे दूसरे सब्जियों से काफी अलग बनाते हैं. भारत में हॉप शूट्स की खेती सफल नहीं हो पाई. ये एक उष्णकटिबंधीय पौधा है, जो उत्तरी अमेरिका, यूरेशिया और दक्षिण अमेरिकी इलाकों में ही उगाया जा सकता है. वहां के किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. आइए जानते हैं 85,000 रुपये 1 लाख रुपये के भाव बिकने वाली इस फूलदार फसल की खासियत.


क्या भारत में हो सकती है हॉप शूट्स की खेती
हॉप शूट्स की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु अनिवार्य है, इसलिए भारत में इसकी खेती नहीं की जा सकती, हालांकि कई लोगों हॉप शूट्स उगाने का प्रयास तो किया है, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई है. इस सब्जी का स्वाद कड़वा होता है, जो इसके औषधीय गुणों की तरफ इंगित करता है.


कई लोग हॉप शूट्स को कच्चा खाना भी पसंद करते हैं. इन सब्जी के दाम इतने ज्यादा हैं कि कोई भी किसान अच्छा पैसा कमा सकते हैं, लेकिन मंहगाई के बावजूद इस सब्जी को ब्रिटेन में कचरा ही समझते हैं. वहां इस सब्जी की कोई खास वैल्यू नहीं है.




क्यों महंगी है हॉप शूट्स वेजिटेबल
दरअसल हॉप शूट्स एक पौधा है, जिसके फूलों को सब्जी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. हर एक पौधे में से सब्जी की हार्वेस्टिंग के लिए 3 साल का इंतजार करना पड़ता है. इस बीच आप पौधे को यूहीं नहीं छोड़ सकते, बल्कि नाजों से इस फसल की देखभाल करनी होती है, तब ही क्वालिटी उत्पादन ले सकते हैं.


इस फसल की देखभाल के साथ-साथ कटाई में भी काफी मेहनत लग जाती है. इसके बावजूद कई देशों में इसकी डिमांड भी रहती है. यही वजह है कि इसके भाव ज्यादा ही रहते हैं. एक और बात, ये पौधे लाइन में नहीं उगते, बल्कि झाड़ीनुमा होते हैं, जिसकी वजह से इसकी खेती करने वाले सावधानीपूर्वक हार्वेस्टिंग लेनी होती है. 


हॉप शूट्स के फायदे
 हॉप शूट्स के फूलों की हार्वेस्टिंग के बाद इसके पौधे को फेंका नहीं जाता, बाजार में इसके भी काफी अच्छे दाम मिलते हैं.एक्सपर्ट्स का मानना है कि हॉपशूट्स से एंटीबॉडीज का उत्पादन किया जा सकते है, जो शरीर को बीमारियों लड़ने की शक्ति प्रदान करता है.


कई रिसर्च में भी सामने आया है कि हॉप शूट्स से चिंता, अनिद्रा, बेचैनी, तनाव, उत्तेजना, अटेंशन डेफिसिट-हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD), घबराहट और चिड़चिड़ापन आदि का भी समाधान किया जा सकता है. ये कैंसर कोशिकाओं और ल्यूकेमिया कोशिकाओं को रोकने में भी सक्षम है.




Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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