Modern Farmer: आज भारत का कृषि क्षेत्र प्रगति के पथ पर अग्रणी है. यहां फसलों से बेहतर उत्पादन के लिए जैविक और प्राकृतिक खेती को अपनाया जा रहा है. वहीं, कृषि की आधुनिक तकनीक और डिजिटलाइजेशन (Digitalization) से भी किसान जागरुक हुए हैं. इसी का नतीजा है कि खेती से कम खर्च में ही बढ़िया पैदावार और दोगुना कमाई हो रही है. देश-दुनिया के खबर के साथ नई कृषि तकनीकों की जानकारी के लिए अब किसान स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं.


आज दर्जनों किसानों ने यूट्यूब, सोशल मीडिया और दूसरे प्लेटफॉर्म्स से खेती-किसानी के नये आइडिया आजमाकर सफलता हासिल की है. इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के किसान सबसे आगे हैं. ताजा रिपोर्ट्स की मानें तो किसानों ने स्मार्ट फोन्स से नई तकनीकों की जानकारी लेकर उन्हें आजमाया है और दूसरे किसानों को इन तकनीकों से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.


इन 10 राज्यों से निकले मॉडर्न फार्मर्स


देश के ज्यादातर राज्यों में अब किसानों ने खेती की आधुनिक तकनीकों की तरफ रुख किया है. इन आधुनिक तकनीकों को अपनाकर बेहतर प्रदर्शन करने वाले ज्यादातर किसान इन 10 राज्यों से आते हैं.



  • उत्तर प्रदेश

  • मध्य प्रदेश

  • राजस्थान

  • महाराष्ट्र

  • बिहार

  • हरियाणा

  • गुजजरात

  • कर्नाटक

  • उड़ीसा 

  • दिल्ली


इस राज्य में सबसे ज्यादा मॉडर्न फार्मर्स


एक अध्ययन में सामने आया है कि सबसे ज्यादा आधुनिक किसान उत्तर प्रदेश से आते हैं. यहां के किसान टेलीमैटिक्स आधारित ट्रैक्टर, मिट्टी परीक्षण, पॉलीहाउस और ड्रोन से फसल की निगरानी जैसी तकनीकों का भरपूर लाभ ले रहे हैं. इससे फसलों की क्वालिटी और उत्पादन भी बेहतर हुआ है. इस लिस्ट में मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर और राजस्थान तीसरे नंबर पर है.


इन सभी 10 राज्यों में एग्रीटेक स्टार्ट अप कंपनियों ने भी अहम रोल अदा किया है. यहां किसानों को उपज की क्वालिटी सुधारने, लागत को कम करने, नई तकनीक के जरिये कृषि उत्पादों की जानकारी हासिल करने में किसानों की काफी मदद की है. यहां किसानों ने खेती के साथ-साथ एग्री स्टार्ट अप और एग्री बिजनेस की तरफ भी रुख किया है.


स्मार्ट फोन बना किसानों का हमराही


किसानों को मॉडर्न बनाने में स्मार्ट फोन और इंटरनेट भी अहम भूमिका अदा की है. अब किसान घर बैठे ही अपनी उपज की निगरानी कर सकते हैं. घर से ही फसलों को मंडियों तक पहुंचाकर उन्हें ऑनलाइन बेच सकते हैं. बीज, खाद, उर्वरक, कीटनाशक और यहां तक कि कृषि उपकरणों की होम डिलीवरी होने लगी है.


साथ ही ई-नाम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर किसानों को अपनी उपज का रही भाव मिल रहा है. इससे गांव और शहरों के बीच की दूरी भी कम हुई है. अब किसान फोन पर ही विशेषज्ञों से सलाह-मशवरा भी कर सकते हैं. इस काम में यूट्यूब, एग्री पोर्टल्स और एग्री मोबाइल एप्स ने भी किसानों को खूब सहयोग किया है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें- नेचुरल फार्मिंग के लिए इस राज्य को मिला 'फ्यूचर इकोनॉमी लीडरशिप अवॉर्ड, सीधा किसानों को मिलेगा इसका फायदा