Indian Crops: भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की बड़ी आबादी अपनी आजीविका की खेती पर निर्भर करती है. देश में कई तरह की मिट्टी और जलवायु है, जिसमें अलग-अलग फसलों का उत्पादन लिया जा रहा है, लेकिन कुछ किसान लागत बढ़ने के कारण खेती किसानी में कम ही रुचि ले रहे हैं. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि आज के आधुनिक दौर में खेती-किसानी से यदि अच्छा मुनाफा चाहिए तो एडवांस होकर सोचना होगा. किसानों को फसलों पर फोकस करना होगा, जो कम लागत में ही अच्छा मुनाफा दे जाएं. ना ज्यादा देखभाल करनी पड़े और ना ही ज्यादा खर्च आए.


हमारे देश की मिट्टी और जलवायु के अनुरूप ऐसे कई फसलें हैं, जिनके बारे में आज हम आपको जानकारी देने वाले हैं. यह फसलें किसानों को अमीर बनाने के लिए मशहूर है, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण किसान इनकी खेती नहीं कर पाते और मुनाफे से वंचित रह जाते हैं. आइए बताते हैं आपको इन अमीर बनाने वाली फसलों के बारे.


चंदन की खेती
एक बेहद खुशबूदार लकड़ी है. देश-विदेश में इसकी काफी डिमांड है. चंदन की लकड़ी से परफ्यूम, तेल, इत्र,  हवन सामग्री औषधि धार्मिक कार्य खिलौने और आयुर्वेद में भी किया जाता है. आज महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश से लेकर दक्षिण भारत के किसान चंदन की खेती से काफी अच्छा मुनाफा ले रहे हैं.


यदि मिट्टी और तापमान इस खेती के अनुरूप हो तो कुछ ही साल के अंदर आप करोड़पति भी बन सकते हैं. यह निर्भर करता है कि आप कितने बड़े दायरे में चंदन की खेती कर रहे हैं. आज मल्टीटास्किंग खेती का दौर है. ऐसे में खेत का एक हिस्सा आप चंदन की खेती के लिए भी रिजर्व कर सकते हैं. यह किसानों के लिए बुरे वक्त में फिक्स डिपाजिट की तरह काम करता है.


वनीला की खेती 
क्या आप जानते हैं जो आप विदेशी मिठाई, आइसक्रीम, शेक, पेस्ट्री, केक या चॉकलेट आदि का चस्का लेते हैं और इसके आदी हो जाते हैं, उसमें स्वाद बढ़ाने के लिए वनीला का इस्तेमाल किया जाता है. वनीला एक तरह का फल होता है, जिसके बीजों से एसेंस निकाला जाता है.


यह एसेंशियल ऑयल ही आइसक्रीम से लेकर केक, मिठाई, पेस्ट्री से लेकर फॉरेन डेजर्ट का स्वाद बढ़ाता है. आने वाले समय में इन सभी चीजों की डिमांड बढ़ने वाली है. ऐसे में वनीला की भी अच्छी खासी मार्केटिंग होगी. आप चाहें तो अपने इलाके में वनीला की बागवानी करके अच्छा मुनाफा ले सकते हैं.


इसके लिए शुरुआत में मिट्टी की जांच करवाएं और कृषि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार वनीला की खेती करते रहें. यदि आप कांट्रेक्ट फार्मिंग करते हैं, तो वनीला की खेती से ज्यादा मुनाफा शायद ही कोई बिजनेस आपको मिल जाए.


एलोवेरा की खेती 
कोरोना महामारी के बाद से ही बाजार में एलोवेरा की डिमांड काफी बढ़ गई है. एलोवेरा के सौंदर्य प्रसाधनों से लेकर हेल्दी ड्रिक्स, कैप्सूल और तमाम खाद्य उत्पादों को पसंद किया जा रहा है. आजकल कई दवाएं भी एलोवेरा से बनाई जा रही हैं.


बाजार में कई दवा कंपनियां एलोवेरा आधारित प्रोडक्ट बना रही हैं. इस औषधि की डिमांड तो काफी है, लेकिन उत्पादन अभी भी देश में काफी कम है. सबसे अच्छी बात तो यह है कि एलोवेरा की खेती के लिए किसी खाद, उर्वरक, कीटनाशक की जरूरत नहीं पड़ती.


बंजर से बंजर जमीन पर एलोवेरा की फसल बंपर उत्पादन देती है. इसके लिए रेतीली मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है. यही वजह है कि आज के समय में एलोवेरा को कैश क्रॉप की तरह देखा जा रहा है. आप चाहें तो हिमालय हर्बल, पतंजलि या अन्य आयुर्वेदिक कंपनियों के साथ मिलकर एलोवेरा की कॉन्ट्रैक्ट​​ या​​ कमर्शियल फार्मिंग कर सकते हैं.


केसर की खेती 
पूरी दुनिया में केसर को लाल सोना कहा जाता है. यह सबसे महंगा मसाला है, जिसकी दुनिया भर में काफी डिमांड है. भारत में कश्मीर को केसर का सबसे बड़ा उत्पादक कहा जाता है. लेकिन अब आधुनिक तकनीकों के आ जाने से आप अपने घर के अंदर भी केसर का उत्पादन ले सकते हैं.


देश के कई इलाकों में इनोवेटिव युवा किसान चार-दीवारी के अंदर लैब बनाकर केसर का उत्पादन ले रहे हैं. एक बार बीज डालने के बाद 2 से 3 महीने में केसर की उपज तैयार हो जाती है. देश-दुनिया में डिमांड है, इसलिए मार्केटिंग की चिंता ही नहीं रहती.


पूरी उपज हाथों-हाथ बिकने के चांस रहते हैं, हालांकि यह थोड़ी सेंसिटिव खेती है, जिसमें सारे काम किसान को अपने हाथ से ही करने होते हैं, लेकिन अगर कम समय में अच्छा पैसा कमाने का जज्बा .है कुछ नया करने का जुनून है तो केसर की खेती आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.


मशरूम की खेती 
कई लोग मशरूम को एक बेहद ही साधारण सा फल समझते हैं, लेकिन यह ऐसा फल है, जो आपको करोड़पति भी बना सकता है. यह पूरी तरह से निर्भर करता है कि आप मशरूम की कौन-सी वैरायटी उगा रहे हैं. भारत में सफेद बटन मशरूम, ऑयस्टर मशरूम, मिल्की मशरूम, क्रिमिनी मशरूम, शिटाके और पोर्टोबेलो मशरूम आदि काफी फेमस है.


ये किस्में बाजार में बड़े आराम से बिक जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं मशरूम की कुछ वैरायटी इतनी दुर्लभ और फायदेमंद है कि कम समय में ही किसानों को बहुत अच्छा प्रॉफिट दे सकती हैं. इनमें गुच्छी मशरूम, ब्लू ऑयस्टर मशरूम, व्हाइट ट्रफल मशरूम, ब्लैक ट्रफल मशरूम, मात्सूटके मशरूम, चेंटरलेस मशरूम और एनोकी मशरूम शामिल है.


देश के साथ-साथ विदेशों में भी इन महंगी मशरूम की काफी डिमांड है. आप चाहें तो अपने 1 एकड़ खेत को मशरूम फार्म में तब्दील कर सकते हैं, जहां पर कुछ अच्छी किस्मों के साथ साधारण किस्म का भी उत्पादन लेना फायदेमंद रहेगा. बाजार में मशरूम की काफी डिमांड है. ऐसे में मशरूम फार्मिंग का बिजनेस आपको निराश नहीं करेगा.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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