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पहाड़ों पर मार्च तक कैसे हो रही बर्फबारी, जानें आने वाले आठ-दस साल में मौसम पर इसका क्या पड़ेगा असर?
आने वाले समय में ज्यादा तापमान होने के चलते पहाड़ों पर बर्फबारी का चक्र बदल जाएगा. रिपोर्ट्स बताती हैं कि बर्फबारी के समय में बदलाव हो गया है.
![पहाड़ों पर मार्च तक कैसे हो रही बर्फबारी, जानें आने वाले आठ-दस साल में मौसम पर इसका क्या पड़ेगा असर? Mountain snowfall throughout March affect weather in eight to ten years know how पहाड़ों पर मार्च तक कैसे हो रही बर्फबारी, जानें आने वाले आठ-दस साल में मौसम पर इसका क्या पड़ेगा असर?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/19/a1bccf71c0c0afdc53aef0305f3c520b1710846178239349_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
मौसम में लगातार बदलाव देखे जा रहे हैं कभी ठंड तो कभी गर्मी लगातार मौसम बदल रहा है. जिसके कारण लोगों को दिक्कत भी हो रही हैं. पहाड़ों की बात करें तो मार्च के महीने में भी वहां बर्फबारी देखने को मिल रही है. जिससे वहां पहुंचे सैलानियों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. हालांकि आने वाले सालों के नजरिए और इंसानों के लिए ये खतरे की घंटी की तरह भी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिमालय सदी के सबसे बड़े चेंज से गुजर रहा है. इसकी परमानेंट स्लो लाइन 100 मीटर पीछे हो गई है. साथ ही सर्दी के समय में तापमान में 1 डिग्री के इजाफे के कारण ग्लेशियर तीन किलोमीटर सिकुड़ चुके हैं. जिस कारण बर्फबारी का समय में भी आगे खिसक गया है. बर्फबारी के समय में करीबन डेढ़ माह का अंतर आ गया है. पिछले सालों के मुकाबले बर्फबारी अब डेढ़ महीने बाद हो रही है.
आने वाले समय में होगा बड़ा बदलाव
रिपोर्ट्स बताती हैं कि जो बर्फबारी पूर्व में दिसंबर-जनवरी से शुरू हो जाती थी वह फरवरी के बीच से शुरू होकर अभी तक चल रही है. एक्सपर्ट्स ने पिछले कई 100 सालों से अधिक का डाटा एकत्र कर ये निष्कर्ष निकाला है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले 8 से 10 सालों में बर्फबारी के समय में पूरी तरह से बदलाव आ जाएगा. इसके अलावा ऐसा भी हो सकता है कि बर्फबारी बेहद कम हो. दिसंबर-जनवरी में होने वाली बर्फ टेम्परेचर कम होने के चलते जम जाती थी. लेकिन जो बर्फबारी अब हो रही है वह ठीक प्रकार जम नहीं पा रही है. क्योंकि तापमान ज्यादा है.
तापमान ज्यादा होने के कारण पिघल रही बर्फ
विशेषज्ञों की मानें तो दिसंबर-जनवरी में जब बर्फ पड़ती थी तो वह कम तापमान के कारण जम जाती थी. लेकिन फरवरी मार्च में होने वाली बर्फबारी तापमान अधिक होने के चलते पिघल जाती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार मौसम चक्र बदलने का सबसे अधिक प्रभाव उत्तर-पूर्वी हिमालय के हिस्से पर पड़ रहा है.
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