क्या है COPRA? जिस पर केंद्र सरकार ने बढ़ा दी एमएसपी, नए साल से पहले किसानों की हो गई बल्ले बल्ले
केंद्र सरकार ने किसानों को राहत दी है. कोपरा की एमएसपी बढ़ा दी गई है. सीजन 2023 में महंगी दरों पर किसान कोपरा की बिक्री कर सकेंगे.
Msp On Copra: एमएसपी रेट किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. किसान भी बेहतर रेट मानकर इसी मूल्य पर फसल बेचना तय करता है. केंद्र सरकार भी किसानों को निराश नहीं करती. देश की आर्थिक स्थिति देखते हुए एमएसपी की वाजिब दर तय की जाती हैं. केंद्र सरकार ने नए साल पहले किसानों को सौगात दी है. अब बढ़ी हुई एमएसपी ही किसान कोपरा की बिक्री कर सकेंगे.
पहले जान लेते हैं, कोपरा है क्या?
केंद्र सरकार ने कोपरा की कीमतों को लेकर जो महत्वपूर्ण कदम उठाया है. उससे पहले यह जान लेते हैं कि आखिर कोपरा है क्या? दरअसल, नारियल के सूखे भाग को कोपरा कहा जाता है. इसे भारत के कुछ हिस्से मेें गरी और कुछ में गोला के नाम से जाना जाता है. विशेष प्रोसेस से गुजरने के बाद नारियल से गोला प्राप्त किया जाता है. इसे लोग बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं. खीर, हलवा समेत अन्य मिठाई और पकवानों मेें लोग इसे खाते हैं. पूजा मेें भी नारियल का भोग लगाया जाता है.
अब केंद्र सरकार ने क्या उठाया कदम?
नारियल की खेती से जुड़े किसानों के लिए अच्छा कदम है. कोपरा की नई एमएसपी को मंजूरी दे दी गई हैं. यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2023 सीजन के लिए है. इसको लेकर केेंद्र गहन मंथन किया. कृषि लागत, मूल्य आयोग की सिफारिशों और प्रमुख नारियल उत्पादक के साथ वार्ता करने के बाद ही नई दरें तय की गई हैं.
अब कितनी हुई MSP?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की तुलना में मिलिंग कोपरा के लिए 270 रुपये प्रति क्विंटल और बाल कोपरा के लिए 750 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है. सीजन 2023 के लिए मिलिंग कोपरा की औसत क्वालिटी के लिए 10860 और बॉल कोपरा के लिए 11750 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी निर्धारित की गई हैं.. इससे ऑल इंडिया पर औसत उत्पादन लागतत पर मिलिंग कोपरा केे लिए 51.82 प्रतिशत और बाल कोपरा के लिए 64.26 प्रतिशत लाभ मिलेगा.
ये एजेंसिंयां करेंगी काम
नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन (एनसीसीएफ) मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत कोपरा और छिलके वाले नारियल की खरीद के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) के रूप में काम करती रहेंगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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