Maize: 3 हजार साल पुरानी है ये रंग बिरंगी फसल की खेती, कमाई भी होती है छप्परफाड़
पारंपरिक खेती से अलग हटकर भी किसान कमाई कर सकते हैं. रंग बिरंगी मक्का यानि मल्टी कलर्ड मक्का भी ऐसी ही खेती है. यह दिखने में जितनी शानदार है. उतनी ही कमाई में भी इससे होती है.
Multi Colored Maize: देश का बड़ा वर्ग खेती किसानी से जुड़ा है. भारत में गेहूं, मक्का, धान, दलहन, तिलहन की खेती किसान हर साल करोड़ों हेक्टेयर में करते हैं. खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान और रबी की गेहूं है. इन फसलों की बुवाई कर किसान कमाई करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं, धान, दलहन, तिलहन पारंपरिक फसलें हैं. यदि पारंपरिक फसलों से हटकर किसान कुछ करते हैं तो इससे कमाई बंपर हो सकती है. रंगीन मक्का की खेती भी ऐसी ही फसल है. इसे सूझबूझ कर किसान सालाना लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं.
3 हजार साल पुरानी है रंगीन मक्के की खेती
भारत में रंगीन मक्के की खेती देश के अलग अलग राज्यों में की जाती है. लेकिन मिजोरम में इसे बड़े पैमाने पर उगाया जाता है. स्थानीय लोग इससे होने वाली कमाई को देखते हुए अधिक बुवाई करना पसंद करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि रंगीन मक्का की खेती का इतिहास काफी पुराना है. भारत में रंगीन मक्का की खेती पिछले 3 साल से की जा रही है.
इस वजह से रंगीन होती है मक्का
मक्का देश में कई रंगों में पाई जाती है. लाल, नीली, बैंगनी और काले रंग की मक्का की खेती भारत में प्रचलन में है. मक्का में फेनोलिक और एथोसायनिन तत्व पाए जाते हैं. इसी कारण मक्का अलग अलग रंग की होती है. मैजेंटा रंग पौधे में मौजूद एंथोसायनिन वर्णक के कारण होता है.
अच्छी पैदावार होने के लिए ऐसा चाहिए एनवायरमेंट
मक्का की फसल उष्ण कटिबंधीय है. इसकी पैदावार 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच के तापमान पर अच्छी होेती है. पौधों की रोपाई के समय हल्की नमी होनी चाहिए. यदि मिट्टी की बात करें तो इसके लिए बलुई दोमट मिटटी बेहतर है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बलुई दोमट मिटटी भी नहीं है तो इसे सामान्य भूमि पर भी उगाया जा सकता है.
रोपाई और सिंचाई
बीजों को खेत में लगाने से पहले दो से तीन बार गहरी जुताई कर दें. बाद में खेत को कुछ समय के लिए खुला छोड़ दंे. बेहतर उपज के लिए 7 से 8 टन गोबर की खाद डाल दें. पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए नाइट्रोजन, जिंक सल्फेट व अन्य तत्वों का छिड़काव कर देना चाहिए. एक एकड़ में करीब 22 हजार बीज उगाए जा सकते हैं. दो बीजों के बीच की दूरी 75 सेंटीमीटर होनी चाहिए. सिंचाई करने के कुछ दिन बाद बीजों की बुवाई कर दें. मक्का के बीज उगने लगे तो सिंचाई कर देनी चाहिए. खरपतवार साफ करते रहें. इसके अलावा समय समय पर सिंचाई करते रहें.
इतनी होती है कमाई
मक्का पक्कर तैयार हो जाती है. एक अनुमान के अनुसार, एक हेक्टेयर खेत में 30 से 35 क्विंटल तक मक्का हो जाती है. बाजार में एक क्विंटल मक्का 3 से 4 हजार रुपये में बिकती हैं. एक हेक्टेयर में सवा से डेढ़ लाख रुपये तक की मक्का हो जाती है. किसान इसे बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.