Mustard Oil Benefit: खरीफ सीजन की फसलें कटकर बिकने लगी हैं. किसानों खेतों मेें रबी फसलों को बोने लगे हैं. बाढ़, बारिश और सूखे से किसानों की खरीफ फसलों को खासा नुकसान पहुंचा था. किसान अभी उससे उबर नहीं पा रहे हैं. अब रबी फसलों में नुकसान न उठाना पड़े. इसलिए समय पर ही रबी सीजन की फसलों की बुवाई शुरु कर दी गई है. किसान यह भी चेक कर रहे हैं कि किस फसल को बोने में मुनाफा अधिक है. उसी की बुवाई अधिक कर रहे हैं. हरियाणा क्षेत्र में ही तिलहनी फसलों का रकबा बढ़ गया है.
हरियाणा में बढ़ा सरसों का 2770 हेक्टेयर रकबा
हरियाणा के अंबाला जिले से ही तिलहनी फसलों की पैदावार को लेकर अच्छी खबर सामने आई है.. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस जिले में तिलहनी फसलों का तेजी से विस्तार हुआ है. इस साल अकेली सरसों की खेती का रकबा बढ़कर 5160 हेक्टेयर हो गया है, जबकि वर्ष 2020-21 के रबी सीजन में यह 2390 हेक्टेयर था. इस तरह पिछले साल की तुलना में 2770 हेक्टेयर रकबा बढ़ गया है. एक्सपर्ट का कहना है कि किसानों को पहले सरसों की फसलों में नुकसान हुआ था. ऐसे में इस बार सरसों की अधिक बुवाई के कारण अधिक मुनाफा मिल सकता है.
मिड नवंबर तक ये थी स्थिति
अंबाला जिले में नवंबर क मध्य तक करीब 4400 हेक्टेयर में सरसों और लगभग 3500 हेक्टेयर में तोरिया की बुआई हो गई है. अब नवंबर का आखिरी सप्ताह चल रहा है. बुवाई का यह आंकड़ा पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ा है. किसानों का कहना है कि पिछले साल इसी सीजन में सरसों का प्रॉडक्शन कम हुआ था. किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पाए थे. इस बार उम्मीद अधिक हैं.
इसलिए अधिक बुआई कर रहे किसान
किसान सरसों की पैदावार से कमाई अच्छी कर रहे हैं. हरियाणा के किसानों का कहना है कि काली और पीली सरसों के दाम अच्छे मिल जाते हैं. पिछले सीजन में भी एमएसपी से ज्यादा पर तिलहनी फसलें बिक गई थीं. इस साल रकबा बढ़ गया है. उम्मीद है कि किसानों को इस साल बोई जा रही फसल अच्छी पैदावार देगी. किसानों की इनकम बढने पर आने वाले सालों में धीरे धीरे इसका रकबा बढ़ता चला जाएगा. एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि गेहूं की तुलना में सरसों में खर्चा बेहद कम होता है. इससे किसान सरसों ज्यादा बोना पसंद करते हैं. वहीं कटाई के बाद अन्य फसलें भी बोई जा सकती हैं. स्टेट में सरसों का रकबा बढ़ना खुशी की बात है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.