Papaya Cultivation: किसान वर्ग खुद को इसलिए ही सबसे कमजोर मानता है. कभी बारिश, सूखा, बाढ़ तो कभी अन्य आपदा फसलों उसकी फसलों को बर्बाद कर देती हैं. इस साल भी बारिश, बाढ़ और सूखे के कारण किसानों की करोड़ों रुपये की फसल बर्बाद हो गई हैं. जब इनसे नुकसान नहीं मिलता तो फिर अन्य वजह किसानों को रुलाना शुरू कर देती हैं. इस स्टेट के किसान भी अब ऐसी ही मार से कराह रहे हैं. यहां वायरस ने पपीते की पफसलों को ही बर्बाद कर दिया है. 


महाराष्ट्र में वायरस ने बर्बाद कर दी पपीते की फसल


महाराष्ट्र में पपीते की पफसल तेजी से बर्बाद हो रही है. इसी वजह से किसान दूसरी पफसलों की ओर रुख कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह से पपीते की फसल पर वायरस के हमले की जानकारी मिल रही है. यह फंगल वायरस का अटैक है. स्टेट के बीड जिले के कई गांवों में वायरस का अटैक तेजी से बढ़ रहा है. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है.


लाखों रुपये का नुकसान, रो रहे किसान


बीड जिले में कई किसान ऐसे हैं. जिन्होंने कई एकड़ में पपीते की फसल लगाई थी. अब वह बर्बाद हो गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, किसानों का कहना है कि पपीते की फसल में फंगल वायरस लग गया है. फसल अब पकने को शुरु होनी है. लेकिन अब वायरस अटैक होने के कारण पपीता ही बर्बाद होने लगना है. पपीते की फसल से लाखों रुपये की कमाई होती. अब कोई कमाई नहीं होगी. 


पहले धब्बे, फिर सड़ जाता पपीता


वायरस के अटैक के बाद पहले पपीते पर धब्बे दिखने लगते हैं. बाद में पपीता काला पड़कर सड़ने लगता है. ऐसा पपीता किसानों के किसी काम का नहीं रह गया है. किसानों ने बगीचों को लाखों रुपये खर्च कर तैयार किया है. वायरस के अटैक के कारण अब किसान खुद ही बगीचों को खत्म कर रहे हैं. 


इस तरह वायरस ने किया अटैक


इस बार बागों में पपीता अच्छा हो रहा था. लेकिन पिछले महीने हुई बारिश से पपीतों को कापफी नुकसान हुआ था. बारिश से पपीते के पेड़ों में सड़न पैदा हो गई थी. सड़न होने के पीछे यही बैक्टीरिया जिम्मेदार था. अब पपीते बुरी तरह खराब होने लगे हैं. किसान कंपनसेशन के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. उधर, स्टेट में अनार और मोसंबी के बागों को भी बारिश से नुकसान पहुंचा है. 


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