Subsidy for Agri Business: देश में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयासरत हैं. कृषि में आर्थिक और तकनीकी मदद के लिए कई कृषि योजनाएं भी चलाई जा रही है. इसके अलावा, अब किसानों को खेती के साथ-साथ एग्री बिजनेस मॉडल यानी कृषि से जुड़ व्यवसायों से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए एग्री क्लीनिक और एग्री बिजनेस सेंटर स्कीम (Agri Clinic-Agri Business Center Scheme) भी चलाई जा रही है, जिसके तहत नाबार्ड (NABARD) और वित्तीय संस्थायें सस्ती दरों पर लोन देती हैं.


इस योजना का लाभ लेकर किसान गांव में ही खेती के साथ-साथ कृषि स्टार्ट (Agri StartUp) अप या खेती से जुड़ा कोई भी बिजनेस चला सकते हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि आवेदन करने वाले किसान को ना सिर्फ पैसा दिया जाता है, बल्कि सरकार की तरफ से सब्सिडी और एग्री बिजनेस शुरू करने से पहले 45 दिन की ट्रेनिंग भी दी जाती है. आइए जानते हैं इस खास योजना के बारे में.


एग्री क्लीनिक और एग्री बिजनेस सेंटर स्कीम 
अभी तक देश की सहकारी बैंकों से किसानों को सिर्फ खेती से जुड़े कामों के लिए लोन मिलता था. कृषि के अलावा दूसरे कामों के लिए लोन लेने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब कृषि स्टार्ट अप या खेती से जुड़ा बिजनेस करने के लिए नाबार्ड (National Bank For Agriculture And Rural Development) की तरफ से 20 लाख से 25 लाख तक का लोन मिल सकता है. वहीं लोन का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार भी ब्याज पर 36 से 44 फीसदी की सब्सिडी देती है. 



  • इस योजना में अगर 5 लोगों का समूह मिलकर आवेदन करना है तो 1 करोड़ तक के लोन के भी प्रावधान है.

  • इस योजना के तहत आवेदन करने वाले योग्य किसान, युवा या प्रोफेशनल्स को 45 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है. 

  • नियमों के मुताबिक, सामान्य वर्ग के आवेदकों को 36% और एससी-एसटी के साथ महिला आवेदकों को ब्याज में 44% की सब्सिडी भी दी जाती है.


यहां करें आवेदन
एग्री क्लीनिक और एग्री बिजनेस सेंटर स्कीम का लाभ लेकर खुद का स्टार्ट अप या बिजनेस करने के लिए किसान https://www.agriclinics.net पर आवेदन कर सकते हैं.



इन लोगों को भी मिलेगा फायदा
एग्री क्लीनिक और एग्री बिजनेस सेंटर स्कीम के तहत किसानों के साथ-साथ एग्रीकल्चर ग्रेजुएट्स, पोस्ट ग्रेजुएट्स और एग्री डिप्लोमा कोर्स के प्रोफेशन्स को भी शामिल किया गया है, ताकि देश के युवा भी इस योजना से जुड़कर खेती, कृषि स्टार्ट और एग्री बिजनेस (Agri Business) के क्षेत्र के विकास-विस्तार में अपना योगदान दे सकें. जाहिर है कि बेरोजगारी के दौर में अब गांव से शहरों की तरफ पलायन बढ़ रहा है.


अपनी आजीविका के लिए ज्यादातर ग्रामीणों की शहरों पर निर्भरता बढ़ जाती है, लेकिन ये योजना गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार के अवसर बढ़ाने का मौका देती है. एग्री क्लीनिक और एग्री बिजनेस सेंटर स्कीम से जुड़कर खुद का एग्री बिजनेस करके ना सिर्फ गांव और किसानों की मदद कर पाएंगे, बल्कि गांव के बेरोजगार लोगों को रोजगार देकर खुद भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.  


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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