Welcome To The Future: NASA के अंतरिक्ष यात्रियों ने जीरो ग्रेविटी में उगाई मूली, जानें कैसे हुआ ये कमाल
Radish Cultivation: नासा की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में एस्ट्रोनॉट्स ने 20 मूलियों की हार्वेस्टिंग लेकर फॉइल पेपर में पैक किया है, जिसे धरती पर भेजा जाएगा.
Farming in Space: कृषि क्षेत्र अब लगातार सफलता की नई ऊंचाईयों को छू रहा है.अभी तक तो धरती पर ही खेती को आधुनिक बनाने की कवायद की जा रही था कि अब नासा ने अंतरिक्ष में भी सब्जियां उगाना चालू कर दिया है. हाल ही में नासा के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मूली उगाने का सफल प्रयोग हुई है, जिससे नासा के अंतरिक्ष यात्री काफी खुश हैं. दरअसल, NASA ये पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि अंतरिक्ष में कौन-कौन सी फसलें उगाई जा सकती है, जिससे कि जीरो ग्रेविटी में रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स की खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.
क्यों उगाई जा रही मूली
जाहिर है कि नासा के कई मिशन मंगल और चंद्रमा से आगे जाने के मिशन पर काम कर रहे हैं. ऐसे में धरती से बहुत ज्यादा खाना लोड करके अंतरिक्ष में नहीं ले जा सकते और बिना फूड सिक्योरिटी के अंतरिक्ष यात्री भी ज्यादा लंबे समय तक नहीं स्पेस में नहीं रह सकते हैं, इसलिए तरह-तरह सब्जियां उगाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इससे पहले भी अंतरिक्ष में आलू, लाल और हरे सलाद का पत्ता, चाइनीज कैबेज और सरसों उगाने का प्रयास किया गया था, जो सफल साबित हुआ. यहां की लैब्स में मीट भी तैयार किया जा रहा है. अब मूली की फसल ने भी इस मिशन को सफल बना दिया है.
धरती पर भेजी जाएंगी मूली
नासा की वेबसाइट पर मिली जानकारी के मुताबिक, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में एस्ट्रोनॉट्स ने 20 मूलियों का प्रोडक्शन लिया है, जिसे फॉइल पेपर में कवर करके कोल्ड स्टोरेज किया गया है. जल्द ही अंतरिक्ष से धरती पर भेजा जाएगा. यहां इन मूलियों पर रिसर्च की जाएगी, ताकि पता चल सके कि ये मूलियां नासा के अंतरिक्ष यात्रियों का पेट भरने में सक्षम हैं भी या नहीं. दिलचस्प बात तो ये है कि ना के बराबर संसाधनों में एट्रोनॉट्स ने ये मूलियां उगाकर एक बड़ी सफलता हासिल की है, जिससे आगे जाकर तमाम स्पेस मिशन्स को सफल बनाने में मदद मिलेगी.
वेलकम टू द फ्यूचर
अंतरिक्ष में खेती करने की बातें अभी तक सिर्फ मूवीज और साइंस फिक्शन में ही होती थी, लेकिन अब जीरो ग्रैविटी में मूली उगाकर एस्ट्रोनॉट्स ने इस सपने को भी साकार कर दिया है. नासा की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, ये मूलियां आईआईएस की मिनी लैब 'एडवांस्ड प्लांट हैबिटेट'(APH) में उगाई गई हैं, जिनकी हार्वेस्टिंग खुद फ्लाइट इंजीनियर केट रुबिंस ने ली है. स्पेस स्टेशन में मूली उगाने के इस प्रोजेक्ट को हैबिटेट-02 नाम दिया गया है. बता दें कि एक साल पहले ही बौने गेहूं और सरसों का एक पौधा उगाने में भी सफलता हासिल हो चुकी है.
मूली उगाने के लिए अपनाया ये तरीका
नासा द्वारा विकसित 'एडवांस्ड प्लांट हैबिटेट'(APH) में एलईडी लाइट्स लगाई गई है, जो पौधों के लिए सूरज की रौशनी का विकल्प है. साथ ही, यहां 180 से भी ज्यादा सेंसर लगे हैं, जो लैब के तापमान से लेकर नमी तक का रियल टाइम अपडेट सीधा फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर में भेजा जाता है. इस प्रोजेक्ट पर NASA के APH प्रोग्राम मैनेजर निकोल डूफर बताते हैं कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में अलग-अलग फसलों को उगाकर हम ये सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि कौन-कौन सी फसलें जीरो ग्रेविटी में में पैदा हो सकती है, क्योंकि एस्ट्रोनॉट्स को भी लंबे समय तक सर्वाइव करने के लिए न्यूट्रिशन चाहिए होते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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