National Agriculture Market: खेती को सुविधाजनक बनाते हुये किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिये सरकार लगातार काम कर रही है. इसके लिये सरकार ने कई योजनायें (Agriculture Schemes) भी बनाई हैं, जिनका लाभ लेकर आज किसानों को काफी फायदा हो रहा है. चाहे बुवाई से लेकर कटाई हो या फिर फसलों तो मंडी ले जाकर सही दाम पर बेचना हो.


इन सभी कामों को अब तकनीक (Agriculture Technology) से जोड़कर और भी आसान बना दिया गया है. अब फसल को खेत से मंडी पहुंचाने के लिये भी मोबाइल की मदद से ही ट्रांसपोर्ट की बुकिंग (Agricuture Transport) कर सकते हैं. साथ ही फसलों की बिक्री के लिये तक किसानों को मंडी जाने तक की जरूरत नहीं है.


मोबाइल पर ही फसलों के सही दाम जानकर और उसी हिसाब से बोली लगाकर फसल को ऑनलाइन बेच सकते हैं. इसके बाद पमेंट भी सीधा किसान के बैंक खाते में हो जाती है. ये कमाल है ई-नाम (E-NAM) का, जिसके जरिये घर बैठे देशभर की मंडियों का हाल जान सकते हैं, ताकि सही समय पर सही जगह फसल को बेचकर अच्छे दाम हासिल कर सकें. 






क्या है ई-नाम
राष्ट्रीय कृषि बाजार यानी ई-नाम एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जो देशभर की मंडियों को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर जोड़ता है. किसानों तक ई-नाम की सुविधा पहुचाने के लिये ई-नाम पोर्टल और मोबाइल एप दोनों ही चलाये जा रहे हैं. साल 2016 में लॉन्च किये गये ई-नाम पोर्टल के जरिये आज 18 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों की 1000 मंडियों तक पहुंच सकते हैं. इतना ही नहीं, मार्च 2022 के आंकड़े ये भी बताते हैं कि अभी तक पोर्टल पर 1.72 करोड़ से अधिक किसान और 2.19 लाख व्यापारी रजिस्टर्ड है. कृषि क्षेत्र से इतने लाभार्थियों को सेवायें देने के बाद अब ई-नाम को और 1000 मंडियों से जोड़ने का लक्ष्य है. 


किसानों को मिलते हैं ये फायदे
राष्ट्रीय कृषि बाजार यानी ई-नाम मोबाइल एप या पोर्टल से जुड़ने पर किसानों को कई बेमिसाल फायदे मलिलते हैं. इस प्लेटफॉर्म पर फसलों की खरीद-बिक्री से लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा मौसम आधारित खेती के लिये मौसम पूर्वानुमान भी जारी किया जाता है. 



  • आज ई-नाम पोर्टल को लगभग 6 साल हो चुके हैं और इस बीच इस किसानों को सीधा फोन पर देशभर की मंडियों में अलग-अलग फसलों की कीमत के बारे में जानकारी दी जा रही है. 

  • यह मोबाइल एप बिचौलियों का शोषण रोककर किसानों को भंडारण, संग्रह केंद्र और एपीएमसी तक उपज बिना लाये ही फार्मगेट पर ही इसकी बिक्री की सुविधा देता है.

  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग इसके जरिये किसानों तक मौसम का अलर्ट पहुंचाता रहता है, जिससे बारिश और आंधी-तूफान से अपनी फसलों की सुरक्षा करने में मदद मिलती है. 

  • इस फीचर से समय पर ही फसलों की कटाई और उनकी बिक्री करने की सहूलियत मिल जाती है.


इस तरह उठायें फायदा
ई-नाम के जरिये फसलों का सही दाम पाने और कृषि व्यापार को आसान बनाने के लिये किसानों को रजिट्रेशन करवाना होता है. इसके लिये किसान का आधार कार्ड, पहचान पत्र, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है.



  • इसके बाद ई-नाम के ऑफिशियल पोर्टल https://www.enam.gov.in/web/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन के लिंक (E-NAM Site) पर क्लिक करना होगा.

  • नया होम पेज खुलने के बाद ई-नाम का पंजीकरण ऑर्म स्कीन पर आयेगा, जिसमें सभी जानकारियां सीह तरह भरनी होंगी.

  • ठीक प्रकार से रजिस्ट्रेशन (E-NAM Registration 2022) फॉर्म को भरने के बाद सभी दस्तावेजों की कॉपी अटैच करनी होगी.

  • इस तरह सिंपल स्टेप्स में किसान का रजिस्ट्रेशन हो जाता है, जिसके बाद निश्चिंत होकर कृषि व्यापार (Agriculture Marketing) और मौसम से जुड़ी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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