(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Natural Farming: प्राकृतिक खेती के लिए अब किसान करवाएं फ्री रजिस्ट्रेशन, देखें और क्या-क्या फायदे मिलेंगे
Natural Farming Registration: मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए निशुल्क पंजीकरण चालू है, जिसके तहत किसानों को नेचुरल फार्मिंग की ट्रेनिंग, प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग सिखाई जाएगी.
Natural Farming Benefits: खेती में बढ़ते रसायनों के इस्तेमाल से मिट्टी अपनी उर्वरता खो रही है. रसायनिक उर्वरक और कीटनाशकों की खपत बढ़ते फसलों का उत्पादन भी साल-दर-साल कम हो रहा है. इससे फसल उत्पादन बढ़ाने वाले मिट्टी के जीवांश भी नष्ट हो जाते हैं. इन सभी समस्याओं का समाधान प्राकृतिक खेती के रूप में निकाला गया है. प्राकृतिक खेती को जीरो बजट खेती या गाय आधारित खेती भी कहते हैं, क्योंकि इस खेती में रसायनों की जगह गोबर से बनी खाद और गौमूत्र आधारित कीटनाशक का इस्तेमाल होता है. गाय पालने वाले किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए कोई खर्च नहीं करना पड़ता.
इस खेती में देसी बीजों का इस्तेमाल होता है, जो पिछली उपज से बचाकर रखे जाते हैं. तब ही तो फसल उत्पादन की लागत को कम करने वाली प्राकृतिक खेती को वैज्ञानिक और सरकार भी बढ़ावा दे रहे हैं.
किसानों को प्राकृतिक खेती से फसलें उगाने की ट्रेनिंग दी जा रही है, साथ ही नेचुरल फार्मिंग प्रोड्यूस की प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग के लिए भी किसानों को तकनीकी ज्ञान दिया जा रहा है. मध्य प्रदेश के किसानों को निशुल्क रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा दी गई है.
कैसे करवाएं रजिस्ट्रेशन
यदि आप भी मध्य प्रदेश के किसान हैं और जीरो बजट प्राकृतिक खेती से जुड़ना चाहते हैं तो मध्य प्रदेश प्राकृतिक खेती बोर्ड की ऑफिशियल साइट http://mpnf.mpkrishi.org/ पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
किसान चाहें तो ई-मित्र केंद्र या सीएससी सेंटर की मदद से भी पंजीकरण कर सकते हैं. इस वेबसाइट के होम पेज पर रजिस्ट्रेशन विंडो दी गई है, जहां किसान अपनी डीटेल भरकर आसानी से अपना पंजीकरण करवा सकते हैं.
प्राकृतिक कृषि पद्धति की ओर है रुझान
— Agriculture Department, MP (@minmpkrishi) January 20, 2023
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किसान भाई करवाएं निःशुल्क ऑनलाइन पंजीयन
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31 मई तक खुला है रजिस्ट्रेशन
देश में प्राकृतिक खेती से सबसे बड़ा रकबा आंध्र प्रदेश में कवर हो रहा है, लेकिन अब मध्य प्रदेश के किसान अब प्राकृतिक खेती में रुचि दिखाने लगे हैं. राज्य में 31,000 से अधिक किसान प्राकृतिक खेती के लिए अपना पंजीकरण करवा चुके हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निर्देशानुसार, अब से कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक खेती को अनिवार्य कर दिया गया है. नर्मदा नदी किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है.
प्राकृतिक खेती के लिए अनुदान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए गाय पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. हर महीने किसानों को प्रोत्साहन के तौर पर 900 रुपये के अनुदान का भी प्रावधान है. आपको बता दें कि प्राकृतिक खेती के लिए गाय के गोबर और गौमूत्र से जीवामृत, बीजामृत, घनामृत, पंचामृत और नीमास्त्र जैसे खाद, उर्वरक और कीटनाशक बनाए जाते हैं, जो ना सिर्फ मिट्टी की संरचना को बेहतर बनाते हैं, बल्कि उत्पादन बढ़ाने वाले मिट्टी के जीवांशों की संख्या को बढ़ाने में बी मदद करते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि लगातार प्राकृतिक खेती की जाए तो इससे फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने और देसी किस्मों के प्रचार-प्रसार में भी मदद मिलेगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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