Natural Farming Training: भारत एक कृषि प्रधान देश है. भारत की 50% से ज्यादा आबादी आज भी खेती पर जीवन यापन करती है. भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए तरह-तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं. सरकार द्वारा किसानों को ट्रेनिंग भी दी जाती है. भारत सरकार का अब काफी रुझान नेचुरल फार्मिंग की ओर बढ़ रहा है.


हाल ही में जारी किए गए बजट में भी नेचुरल फार्मिंग को लेकर मदद देने का ऐलान किया है. किसानों के मन में यह सवाल आ रहा है किस तरह दी जाएगी नेचुरल फार्मिंग की ट्रेनिंग और कहां खोले जाएंगे. इसके लिए ट्रेनिंग सेंटर कहां खोले जाएंगे. चलिए आपके बताते हैं. 


नैचुरल फार्मिंग की ट्रेनिंग में सिखाया जाएंगी यह चीजें


भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा भारत के किसानों को नैचुरल फार्मिंंग की ट्रेनिंग दी जाएगी. इस ट्रेनिंग में किसानों को नेचुरल फार्मिंग से जुड़ी सभी जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही किसानों को केमिकल फ्री खेती करने से क्या फायदे होंगे इस बारे में भी जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही उन्हें बताया जाएगा कि केमिकल युक्त खादों के इस्तेमाल से न सिर्फ लोगों का स्वास्थय खराब हो रहा है. बल्कि केमिकल फार्मिंग से खेत की मिट्टी भी खराब हो जाती है. इस ट्रेनिंग में किसानों को नैचुरल फार्मिंग के लिए अलग-अलग तकनीकें भी सिखाई जाएंगी. 


खोले जाएंगे 10 हजार सेंटर्स


बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों के लिए खास तौर से कई चीजों के बारे में ऐलान किया है. किसानों को खेती में अलग-अलग तरह की तकनीक के बारे में जानकारी देने के लिए उनकी इनकम बढ़ाने के लिए और उनकी ग्रोथ के लिए बजट में कृषि अनुसंधान केंद्रे को खोलने के बारे में जानकारी दी गई है. इसके साथ ही नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने की बात भी कही गई है तो साथ ही 10,000 के करीब नेचुरल फार्मिंग के लिए ट्रेंनिंग सेंटर्स भी खोले जाएंगे जहां किसानों को नेशनल फार्मिंग से जुड़ी अलग-अलग पद्धतियां सिखाई जाएगी. हालांकि यह सेंटर्स कहां खोले जाएंगे इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है.


नेचुरल फार्मिंग से लाभ?


नेचुरल फार्मिंग  न सिर्फ किसानों के लिए बल्कि खेती की जमीन के लिए भी अच्छी होती है. नेचुरल फार्मिंग करने से किसान का केमिकल और फर्टिलाइजर पर पैसे खर्च नहीं करने पड़ते. तो इसके साथ ही नेचुरल फार्मिंग  के तरीके से खेती करने पर जो उपज होती है. उसके सब्जी मंडियों में काफी अच्छे दाम मिल जाते हैं. किसान को कम लागत पर अच्छा मुनाफा मिलता है. 


यह भी पढ़ें: कल से दिल्ली और एनसीआर में 60 रुपये किलो मिलेगा टमाटर, इन जगहों पर लगाए जाएंगे स्टॉल