Sugarcane Cultivation: गन्ने की नई किस्म से होगी 55 टन प्रति एकड़ पैदावार, किसानों की बढ़ेगी इनकम
गन्ना की नई प्रजाति विकसित की गई है. इस प्रजाति से 55 टन प्रति एकड़ गन्ना पैदा हो सकेगा. इस नई प्रजाति को कम पानी और बीमारी लगने का खतरा नहीं होगा. इसका सफल परीक्षण कर लिया गया है.
Sugarcane New Seed: देश में गन्ने का बंपर उत्पादन होता है. चीनी के निर्यात और उत्पादन में भारत शीर्ष में हैं. किसान भी गन्ने की फसल बोने में दिलचस्पी लेते हैं. लेकिन कई बार कम पैदावार का संकट, रोग लगने की समस्या, सिंचाई का संकट किसानों के सामने खड़ा हो जाता है. अब गन्ने की एक नई फसल विकसित की गई है. इससे जहां गन्ने की पैदावार खासी मात्रा में होगी, वहीं रोग लगने की टेंशन भी काफी कम हो जाएगी. गन्ने की नई प्रजाति को लेकर किसान खुश हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि नई फसल से किसानों को काफी लाभ मिलेगा.
ये वेरायटी देगी बंपर पैदावार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) राज्य की केरल मिशन परियोजना ने गन्ने की किस्म को लेकर काफी समय से परीक्षण कर रही थी. यूएनडीपी ने सीओ 86032 का सफल परीक्षण किया है. शोधकर्ताओं के अनुसार Co86032 प्रजाति को पानी की कम जरूरत पड़ेगी. सिंचाई कम होने से किसानों का खर्चा भी कम हो जाएगा. फसलों पर कीटों के हमले से नुकसान होता है. यह फसल कीटों से लड़ने में सक्षम है. प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने के कारण आसानी से फसल में रोग भी नहीं लग पाता है.
कम बीज, कम खाद, कम पानी, अच्छी फसल का फार्मूला
एसएसआई विधि में कम बीज, कम पानी और कम खाद की जरूरत होती है. परीक्षण करने वाले अधिकारियों ने बताया कि सस्टेनेबल गन्ना पहल (एसएसआई) के जरिए साल 2021 में एक पायलट प्रोजेक्ट लागू किया गया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केरल के मरयूर में गन्ने के ठूंठ का उपयोग करके Co86032 किस्म की खेती की जाती थी. लेकिन पहली बार गन्ने की पौध का प्रयोग खेती के लिए हुआ है. तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में किसान एसएसआई विधि से ही गन्ना खेती कर रहे हैं.
रोपाई के लिए पड़ेगी 5000 पौध की जरूरत
फसल के परीक्षण में एक एकड़ भूमि में 55 टन प्रति एकड़ तक गन्ना प्राप्त हुआ है. यदि इसके औसत उत्पादन की बात की जाए तो 40 टन प्रति एकड़ उत्पादन हो जाएगा. रोपाई के दौरान गन्ने की पौध का प्रयोग करने पर केवल 5,000 पौधे की ही जरूरत पड़ेगी. मरयूर और कंथलूर पंचायत के किसान बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती करते हैं. मरयूर गुड़ अपनी गुणवत्ता और टेस्ट के लिए फेमस है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.