Crop Damage In Bihar: खरीफ सीजन में बाढ़, बारिश और सूखे ने किसानों की फसलों को खूब नुकसान पहुंचाया. बारिश के कारण किसानों की करोड़ों रुपये की फसलें बर्बाद हो गईं. सूखा और बाढ़ की चपेट में आकर भी फसलें तबाह हुईं. इसके अलावा कीटों के हमले और रोगों से भी किसानों को नुकसान हुआ. बिहार में किसानों के सामने अब नया संकट खड़ा हो गया है. यहां किसान कड़ाके की ठंड में पहरेदारी करने को मजबूर हैं. 


बिहार में नीलगाय कर रही नुकसान


बिहार में किसान सैंकड़ों नील गायों से परेशान है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जमालपुर प्रखंड में काफी संख्या में नीलगाय झुंड में आती हैं और खेत को चरना शुरू कर देती हैं. किसानों के सामने दिक्कत यह रही है कि भयंकर ठंड में किसान फसलों का पहरा लगा रहे हैं. कुछकिसान कड़ाके की ठंड में खेत पर नहीं पहुंच पाते हैं तो नीलगाय उनकी फसलों को चट कर देती हैं. जिले के पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी भागों में नीलगाय नुकसान पहुंचा रही हैं. 


5400 एकड़ में लगी दलहन की फसल हो रही बर्बाद


बिहार के मुंगेर स्थित प्रखंड में लगभग 5400 एकड़ में दलहन की फसल की बुवाई हो चुकी है. इस फसल को नीलगाय बर्बाद कर रही हैं. इंद्ररुख, रामपुर व फरदा बहियार में लगी गेहूं, मसूर, चना, सरसों की फसल की बुवाई हो चुकी है. फसल बुवाई में प्रति एकड़ 6 हजार रुपये खर्चा हुआ है. लेकिन नील गायों के नुकसान पहुंचाने के कारण किसानों को डर है कि यदि यही हाल रहा तो लागत तक नहीं निकल पाएगी. 


राज्य सरकार से मदद की गुहार


किसानों ने स्टेट गवर्नमेंट से मदद की गुहार लगाई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि खरीपफ सीजन मंे बारिश और सूखे ने फसलों को नुकसान पहुंचाया था. पाले से भी फसलों को बचाने की कवायद चल रही है. लेकिन अब नया संकट किसानों के सामने है. नीलगाय हजारों एकड़ फसल को चर रही हैं. नीलगाय के कारण फसलों की उत्पादकता घट जाएगी. स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन, वन विभाग और राज्य सरकार से मदद मांगी है. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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