Medicinal Plant Noni Cultivation: भारत में जड़ी-बूटियों और औषधीय फसलों (Herbal Farming) की खेती का पुराने समय से चलन है. आयुर्वेद (Ayurveda) में भी जड़ी-बूटियों (Herbs) को संजीवनी माना जाता है, जिससे कैंसर (Cancer Disease) जैसी गंभीर बीमारियों का भी इलाज किया जा सकता है. नोनी (Noni) भी ऐसा ही चमत्कारी औषधीय फल (Medicinal Fruit) है, जिसे गुमनाम संजीवनी भी कहते हैं. कोरोना महामारी (Covid-19) के दौरान नोनी और इससे बने उत्पादों की काफी मांग की जा रही थी, इसलिये आज के समय में नोनी की खेती (Noni Farming) करना किसानों को खुला खजाना मिलने के बराबर है. हालांकि भारत में इसकी खेती बहुत ही छोटे पैमाने पर की जाती है.


तटीय इलाकों में नोनी की खेती से लाभ
भारत के मैदानी इलाकों में नोनी की खेती का ज्यादा चलन नहीं है. यहां नोनी के पौधे और बीज मिलना काफी मुश्किल हो जाता है, लेकिन तमिलनाडु, केरल, उड़ीसा और कर्नाटक जैसी तटीय राज्यों में कुछ किसान इसकी खेती कर रहे हैं. यहां की जलवायु और मिट्टी में इसके बीजों का अंकुरण आसानी से हो जाता है और फसल की पैदावार भी अधिक मिलती है. 



ऐसे तैयार करें नोनी की फसल (How to prepare Noni Plant)



  • नोनी के बीज काफी कठोर होते हैं, जिसके कारण बुवाई करने पर अंकुरण में 6 महीने का समय लग जाता है.

  • ऐसी स्थिति में विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इसके बीजों को 2 मिनट के लिये सल्फ्यूरिक एसिड में भिगा देना चाहिये, जिससे नोनी के बीजों की ऊपरी परत को आसानी से तोड़ा जा सके.

  • ये काम सावधानी से करना चाहिये, क्योंकि सल्फ्यूरिक एसिड से त्वचा जलने का खतरा भी बना रहता है.

  • नोनी की बीजों को नर्सरी लगाकर इसके पौधे तैयार किये जाता हैं.

  • नोनी की फसल से बेहतर उत्पादन लेने के लिये इसके पौधों की ठीक प्रकार से देखभाल करनी चाहिये.

  • नोनी के पौधों को खाद-उर्वरक से तैयार खेत या बगीचे की उपजाऊ मिट्टी में लगाया जाता है.

  • अच्छी देखभाल और सिंचाई के बाद मानसून तक इससे भरपूर फल प्राप्त कर सकते हैं.

  • एक बार रोपाई के बाद नोनी का पौधा पूरे साल फल-फूल देता है. इसके एक ही पेड़ से हर महीने 10 फलों की कटाई हो सकती है. 



नोनी की व्यावसायिक खेती (Commercial Farming of Noni)
नोनी  (Morinda Citrifolia)एक औषधीय फल होने के साथ नकदी फसल भी है, जिसकी व्यावसायिक खेती (Commercial Farming) करने से ज्यादा फायदा मिलता है. हर्बल उत्पाद (Herbal Products) बनाने वाली कंपनियां और आयुर्वेदिक संस्थान (Ayurvedic Organisation) नोनी को हाथों हाथ खरीद लेते हैं. वहीं किसान इसकी खेती के साथ-साथ इसकी प्रोसेसिंग (Noni Processing) करके ज्यादा आमदनी कमा सकते हैं. खासकर, बाजारा में नोनी के जूस (Noni Juice) की काफी मांग रहती है. नोनी के जूस की 450 से 500 मिली. जूस को 1500 रुपये की कीमत पर बेचा जाता है. शुरुआत से ही इसका सेवन करने पर कैंसर, डायबिटीज, बांझपन, हड्डियों की समस्या और अलग-अलग तरह के इंफेक्शन से लड़ने की इम्यून पावर बढ़ जाती है. इसमें मौजूद 150 से ज्यादा पोषक तत्वों के कारण बड़े-बड़े लोग दवायें छोड़कर नोनी का सेवन कर रहे हैं.



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