Crop CultiVation In UP: केंद्र व राज्य सरकार किसानों की इनकम बढ़ाने पर जोर दे रही है. राज्य सरकारें अपने स्तर से किसानों को उन्नत बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. किसानों में खेती की समझ विकसित करने और उन्हें एग्रीकल्चर क्षेत्र से जोड़ने के लिए भी लगातार कवायद की जा रही है. इसी कड़ी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी प्रदेश सरकार के स्तर से कवायद की जा रही है. यहां एग्रीकल्चर ग्रोथ को लेकर बड़ा कदम उठाया जा रहा है.


पश्चिमी यूपी में तैयार हो रही हाइटेक नर्सरी


पश्चिमी यूपी के बागपत में ऐसी ही हाइटेक नर्सरी तैयार की जा रही है. प्रदेश सरकार की योजना यहां उन्नत प्रजाति के फलदार व छायादार पौधे तैयार करने की है. इसके लिए गूंगाखेड़ी गांव में जमीन भी चिन्हित कर ली गई है. शासन से मंजूरी मिलने के बाद वन विभाग ग्राउंड लेवल पर तैयारियों में जुट गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गूंगाखेड़ी ग्राम प्रधान ने एक हेक्टेयर भूमि वन विभाग को सौंप दी है. इसके बाद अधिकारियों ने नर्सरी बनाने की कवायद तेज कर दी है. 


इन जिलों को भेजी जाएगी पौध


वन विभाग के अधिकारी उत्तराखंड से फलदार व छायादार पौध लेकर आएंगे. इसके बाद यहां नर्सरी तैयार सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, हापुड़ समेत अन्य जिलों में भेजी जाएगी. 


ये पौध की जाएंगी तैयार


वन विभाग के स्तर से शीशम, शहतूत, बबूल, नीम, सहजन, बरगद, पीपल आदि की पौध तैयार होती है. लेकिन अब वन विभाग ने इसका दायरा बढ़ा दिया है. तैयार हो रही नर्सरी में अनार, अमरूद, नींबू, करौंदा, देसी आम, जामुन, कटहल, गुड़हल, बेल, इमली आदि की पौध भी तैयार की जाएगी. इससे फलदार पौधों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो जाएगी. 


किसानों की भी बढ़ेगी इनकम


विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पश्चिमी यूपी में तैयार हो रही हाइटेक नर्सरी का लाभ ये है कि इससे किसानों की इनकम भी बढ़ेगी. पश्चिमी यूपी के किसान आसानी से किसी भी फलदार पौधे या पेड़ की प्रजाति पा सकेंगे. उन्हें रकम भी अधिक खर्च नहीं करनी होगी. नर्सरी से ले रहे पौधे की बुवाई का तरीका भी समझा जाएगा. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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