Crop Management: इस साल बाढ़ बारिश और सूखा ने किसानों की फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया है. किसानों की करोड़ों रुपये की फसलें बर्बाद हो गई हैं. किसान लगातार कंपनसेशन के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं. छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में फसली नुकसान हुआ है. किसानों की मदद के लिए सरकारें भी आगे आई हैं. अलग-अलग राज्य अपने स्तर से फसल का मुआवजा दे रहे हैं और किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा लाभ लेने की अपील भी किसानों से कर रहे हैं. बिहार सरकार हर किसान के खाते तक डीजल सब्सिडी पहुंचाएगी.
घर-घर जाकर चेक करेंगे अफसर
बिहार सरकार ने साफ कर दिया है कि सब्सिडी का लाभ किसानों को मिलना चाहिए. एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अफसर सभी किसानों तक डीजल सब्सिडी का लाभ पहुंचाएंगे. सरकार ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि जिन किसानों की डीजल सब्सिडी आवेदन कैंसिल हो गया है, अफसरों की जिम्मेदारी होगी कि घर-घर पहुंचकर किसान को वैरिफाई करेंगे और खाते में सब्सिडी जाना सुनिश्चित करेंगे.
5 लाख हेक्टेयर कम हुई धान की फसल
रबी सीजन शुरू हो गया है. राज्य के किसानों को खरीफ मौसम में काफी नुकसान हुआ है. सामान्य से कम बारिश का सीधा असर धान की खेती पर पड़ा है. 35 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के विपरीत मात्र 30.72 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हो पाई है. जिन किसानों ने धान की रोपनी कर ली है तो उन्हें फसल को बचाने के लिए कई बार डीजल से सिंचाई की जरूरत पड़ रही है.
750 रुपये प्रति एकड़ मिल रही सब्सिडी
बिहार में किसानों को धान समेत खरीफ की फसल की सिंचाई के लिए मिलने वाले डीजल सब्सिडी को 600 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 750 रुपये कर दिया गया है. डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए स्टेट गवर्नमेंट ने कुछ महीने पहले 15 रुपये प्रति लीटर बढ़ाये थे. बिगड़े मानसून, सूखा और कम बारिश जैसी स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार डीजल सब्सिडी दे रही है. चालू वर्ष 2022-23 के लिए स्टेट कैबिनेट नद 29 करोड़ 95 लाख रुपये मंजूर किए हैं.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.