Olive Farming: जैतून की खेती करके निहाल होंगे किसान, हर साल होगी 10-15 लाख रुपये की आमदनी, यहां जानें कैसे
Olive Cultivation: जैतून की खेती ने राजस्थान के कई किसानों की किस्मत बदली है, इससे प्रेरणा लेकर अब गुजरात, मध्य प्रदेश समेत 13 राज्यों के किसान जैतून की खेती की तरफ रुख कर रहे हैं.
Olive Cultivation for Profitable Income: भारत में जैतून को एक प्रीमियम फसल (Premmium Olive) के रूप में देखते हैं, जिसकी खेती से किसानों को बेहद कम समय में अच्छी आमदनी होने लगती है. इसकी प्रोसेसिंग करके तेल (Olive Processing Unit) और दूसरे प्रॉडक्ट्स बनाये जाते हैं, जिसके चलते दुनिया भर में इसकी काफी मांग रहती है. भारत में राजस्थान तो जैतून के बड़े उत्पादक (Olive Cultivation) के रूप में देखा जाता है, जहां बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू और जैसलमेर जिलों में बड़े पैमाने पर इसकी खेती (Olive Farming) की जाती है.
जैतून की खेती ने राजस्थान के किसानों की किस्मत बदल दी है, जिससे प्रेरणा लेकर अब गुजरात, मध्य प्रदेश समेत 13 राज्यों के किसान जैतून की खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल तेल बनाने में किया जाता है. बता दें कि जैतून का तेल (Olive Oil) का इस्तेमाल खाना बनाने में, ब्यूटी प्रॉडक्ट्स और दवाईयां बनाने में किया जाता है. इसके तेल में कॉलेस्ट्रॉल की काफी कम मात्रा होती है, जिस कारण पूरी दुनिया जैतून के तेल की दीवानी है.
जैतून की खेती में सावधानी (Precautions in Olive Farming)
जैतून एक सदाबहार पौधा है, जिसके पौधों को अच्छी बढ़वार के लिये पोषक तत्वों वाली गहरी, भुरभुरी और उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होती है क्योंकि सख्त मिट्टी में इसके पौधों की सही ग्रोथ नहीं हो पाती. इसकी खेती के लिये मध्यम तापमान के साथ अच्छी सिंचाई की जरूरत होती है, ज्यादा सर्दी या ज्यादा गर्मी से इसकी फसल को नुकसान हो जाता है.
- जैतून के पौधों की रोपाई के लिये असिंचित इलाकों में जुलाई से लेकर अगस्त का महीना सबसे बेहतर मानते हैं. हालांकि सिंचित जमीन में जनवरी-फरवरी के बीच रोपाई कर सकते हैं.
- जैतून की बागवानी से अच्छी क्वालिटी वाली ज्यादा पैदावार लेने के लिये कम से कम 11 फीसदी परागण का होना जरूरी है.
- इसके लिये जैतून की उन्नत किस्म एस्कोलानो, कोराटिना, फ्रंटियो और एस्कोटिराना आदि से पौध तैयार कर सकते हैं.
- शुरुआती पांच साल तक पौधे से कोई उत्पादन नहीं मिलता, इस दौरान इसे कड़ी देखभाल की जरूरत होती है.
- मानसून में बारिश के कारण इसके पौधों और टहनियां तेजी से बढ़ती हैं.
- इसके पेड़ से सेहतमंद फलों का उत्पादन लेने के लिये झाड़ीदार टहनियों को हटाकर कटाई-छंटाई करते रहना चाहिये.
- पेड़ को कीड़े औैर बीमारी से बचाने के लिये लगातार निगरानी की जरूरत होती है, जिससे समय रहते रोग ग्रस्त टहनी और पत्तियों को काटकर अलग कर दें.
जैतून की खेती से आमदनी (Income From Olive Farming)
जैतून की खेती करने के लिये एक हेक्टेयर खेत में करीब 475 पौधों की जरूरत पड़ती है. इन पौधों से बेहतर उत्पादन लेने के लिये इनकी ठीक प्रकार से देखभाल, खाद-उर्वरक, सिंचाई और निगरानी की जाती है. एक बार पेड़ फल देने लायक हो जाये, तो साल में 4-5 बार फलों की तुड़ाई कर सकते हैं. इसके पेड़ पर सारे फल एक साथ नहीं पकते, इसलिये आधे फलों को कच्चा ही तोड़ लिया जाता है. एक हेक्टेयर खेत से करीब 20-30 क्विंटल तक तेल का उत्पादन (Olive Production)ले सकते हैं, लेकिन आमदनी के मामले में जैतून का तेल (Olive Oil) दूसरी तिलहनी फसलों (Oil Based Crop) को भी पीछे छोड़ देता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 30 बीघा खेत में 3500 पौधों लगाने पर करीब पांच साल बाद प्रतिवर्ष 15 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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