(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
गेहूं, चना, सरसों के बाद अब इस फसल पर बारिश और ठंड का खतरा... किसानों को लाखों का नुकसान
देश के कई हिस्सों में अभी भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. महाराष्ट्र में अधिक ठंड से प्याज की फसल को नुकसान हो रहा है. इसके अलावा बारिश से गेहूं, चना, सरसों जैसी फसलें भी प्रभावित हुई हैं.
Crop Damage Due To Rain: देश के किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले साल खरीफ सीजन में बाढ़, बारिश और सूखा ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया था. खरीफ सीजन के आखिर में कई दिनों तक हुई बारिश से धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा था. दो से तीन महीने तक ही बुवाई के वक्त किसानों को राहत मिली. लेकिन जैसे ही थोड़ी फसल बढ़नी शुरू हुई. कड़ाके की ठंड और पाले ने देश के कई हिस्सों में फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है. कुछ राज्यों में मौसम थोड़ा जरूर नरम हुआ है. लेकिन कुछ राज्यों में किसानों की मुसीबतें अभी भी कम नहीं हो रही हैं.
मौसम में नमी रही तो फसलों को लग सकते हैं रोग
फसलों का संकट महाराष्ट्र में बना हुआ है. अभी खबरें सामने आई कि यहां कपास, सोयाबीन का सही दाम किसानों को नहीं मिल रहा है. पपीते की फसल भी फंगस लगने के कारण बर्बाद हो गई थी. मौजूदा समय में भी किसान परेशान हैं. गुरूवार को हुई बारिश और अधिक ठंड ने मौसम में नमी बढ़ा दी है. विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में यदि अधिक नमी रहती है तो इससे फसलों में रोग लग सकता है. ठंड अधिक लगने से झुलसा रोग लग जाता है. बुलढाणा, नासिक, अहमदनगर, धुले समेत कई जिले के किसान फसल नुकसान को लेकर परेशान हैं.
प्याज को हो सकता है नुकसान
राज्य में गेहूं, चना, सरसों समेत रबी सीजन की अन्य फसलों की बुवाई हो चुकी है. महाराष्ट्र प्याज उत्पादन के मामले में बड़ा उत्पादक राज्य है. इस समय राज्य के कई हिस्सों में प्याज की बुवाई की जा रही है. किसानों को डर है कि मौसम में हुई नमी से प्याज की फसलों में कीट और अन्य रोग न लग जाए. इसके अलावा गेहूं, चना, सरसों जैसी फसलों के प्रभावित होने का खतरा भी है.
किसान ऐसे करें बचाव
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम बदल रहा है. किसानों को इस पर ध्यान देकर सतर्क रहने की जरूरत है. वैसे तो कोहरा कुछ दिनों में छंट जाएगा. लेकिन किसी कारण मौसम में ठंड अधिक बढ़ती है तो किसानों को तापमान नियंत्रित करने के लिए नियमित समय पर सिंचाई करनी होगी. किसान प्लास्टिक से फसल को कवर कर बचाव कर सकते हैं. इससे फसल के आसपास से 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तापमान कम हो जाता है. इसके अलावा फसल के आसपास धुआं करके भी राहत पाई जा सकती है. किसानों ने बताया कि ठंड अधिक होने के कारण रात में पहरेदारी नहीं हो पा रही है. लेकिन हर संभव फसल बचाव करने की कोशिश की जा रही है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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