Organic Farming in Andhra Pradesh: कृषि में रसायनों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में किसानों को जैविक खेती (Organic Farming) करने की तरफ रुख करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है. जैविक खेती से जोड़ने के बाद किसानों को बाजार में उनकी उपज (Organic Products) का सही दाम दिलवाना भी बेहद महत्वपूर्ण काम है. किसानों पूरी मेहनत और लगन से रसायनमुक्त जैविक खेती (Chemical Free Organic Farming) तो करते हैं, लेकिन कभी-कभी बाजार में उनकी जैविक उपज के सही दाम (Price of Organic Products) नहीं मिलते. इस समस्या का समाधान आंध्र प्रदेश के एक किसान उत्पादक संगठन (Farmer's Producer Organization Of Andhra Pradesh) ने खोल निकाला. इस संगठन ने अपने किसानों को ना सिर्फ जैविक खेती की ट्रेनिंग (Organic Farming Training)  दी, बल्कि एक बेहतर मार्केटिंग रणनीति बनाकर किसानों के जैविक उत्पादों के 15 फीसदी तक अधिक दाम दिलवाये. 


शुरुआत में बना जैविक किसानों का समूह  
यह सफर साल 2009 में शुरु हुआ, जब उपभोक्ताओं समूह ने जैविक उत्पादों की आपूर्ति के लिए जैविक खेती करने वाले किसानों का एक समूह बनाया. इस समूह से धीरे-धीरे अन्य किसानों को जोड़कर खाद्यान्न, बागवानी, दलहनी, तिलहनी और मसालों की जैविक खेती करने के लिये प्रोत्साहित किया गया. इस काम में हैदराबाद की गैर लाभकारी अुसंधान संस्था सेंटर ऑर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर ने किसानों के कौशल विकास में काफी मदद की.


इतना ही नहीं, इस संस्था ने शहर में किसानों को जैविक उत्पाद बेचने के लिये दुकानें खोलने में मदद की और जैविक उत्पादों को घर-घर जाकर बेचने के लिये (Marketing of Organic Products) भी प्रोत्साहित किया. मार्केटिंग ये तकनीक किसानों के लिये वरदान बन गई और किसानों को अपने जैविक उत्पादों के अच्छे दाम मिलने लगे. धीरे-धीरे किसानों के इस समूह को तरक्की को देखकर जैविक खेती करने वाले दूसरे किसान भी इसी समूह में शामिल होने लगे. 


किसानों का समूह बना किसान उत्पादक संगठन
साल 2009 से लेकर 2013 तक, 4 साल के अंदर किसानों के इस समूह ने काफी सफलता हासिल कर ली. वहीं साल 2013 में किसान उत्पादक संगठन पर कानून बनने के बाद जैविक किसानों के इस समूह ने भी खुद को 'सहज अहरम प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड' नाम दिया. ये किसान उत्पादक संगठन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अलगाव के बाद भी दोनों राज्यों के किसानों के हित में तेजी से काम करता रहा. इतने लंबे सफर के बाद आज 'सहज अहरम प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड' से जैविक खेती करने वाले 23 किसानों के समूह, 9000 किसान और 180 गांव जुड़े हुए हैं, जो जैविक विधि धान, अनाज, तिलहन, दलहन, फल और सब्जियों की खेती करते हैं.


'सहज अहरम प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड'
इस किसान उत्पादक संगठन ने अथक प्रयासों के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 10,000 जैविक किसानों की जिंदगी बदल दी है. बता दें कि इस संगठन ने किसानों को जैविक खेती की ट्रेनिंग, फसलों की रसायनमुक्त सुरक्षा, उपज का भंडारण के साथ-साथ उपज का प्रसंस्करण करके बाजार में बेहतर दाम दिलवाने में काफी मदद की है. इतना ही नहीं, इस किसान उत्पादक सगंठन से जुड़कर ज्यादातर किसानों ने जैविक सर्टिफिकेशन (Organic Certification) भी हासिल कर लिया है.


इस संगठन के जैविक किसान खेती के लिये रासायनिक कीटनाशकों के स्थान पर पूरी तरह जैविक खरपतवार नाशी, कीटनाशक और रोगनाशी दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. फसलों की बेहतर पैदावार के लिये फसल के कचरे और गोबर की मदद से कंपोस्ट और जैविक खाद बनाई जाती है. खेती के साथ-साथ अतिरिक्त आमदनी कमाने के लिये इन किसानों को मुर्गी पालन और पशुपालन की ट्रेनिंग भी दी जा रही है.


मार्केटिंग में किसानों की सहायक 
सहज अहरम प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने जैविक उत्पादों की डिमांड को देखते हुये अपने किसानों के जैविक उत्पादों के साथ-साथ दूसरी संस्थाओं के प्रमाणित जैविक उत्पादों की बिक्री में योगदान दिया. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिये यह संस्था खुद किसानों के जैविक उत्पादों को 10 से 15 प्रतिशत अधिक दामों पर खरीदती है. इस तरह कड़ी मेहनत से उगाये गये पोषक अनाज, खाद्यान्न, दाल, सब्जी और तिलहनी फसलों को बेचकर किसान 10 फीसदी तक अधिक मुनाफा कमाते हैं.


किसानों की उपज को सही दाम दिलवाने के लिये सहज अहरम प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (Sahaja Aharam Producer Company Limited, Andhra Pradesh)ने 6 जिलों में फूड हब (Food Hub) भी स्थापित किए गए हैं. यहां किसानों के जैविक उत्पादों की प्रोसेसिंग और भंडारण किया जाता है और जैविक उपज का प्रसंस्करण करके खाद्य पदार्थ, कॉस्मेटिक और लाइफ स्टाइल बेस्ट प्रॉडक्ट बनाये जाते हैं, जिन्हें बाजार और ऑनलाइन बाजारों (Online Market of Organic Products) में काफी सरहाना मिल रही है.  


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