Organic Farming Subsidy In Rajasthan: मिटटी की घटती उर्वरकता को देखते हुए देश की खेती में फर्टिलाइजर का प्रयोग किया जाता है. आमतौर पर लोग कैमिकली फर्टिलाइजर का प्रयोग करते हैं. इसके पीछे वजह है कि आसानी से बाजार में मिल जाता है. इसके छिड़काव करने में भी बहुत परेशानी नहीं होती है. वहीं, जैविक खेती में आर्गेनिक फर्टिलाइजर तैयार करना बड़ा चुनौती भरा होता है. लेकिन जैविक खाद का प्रयोग मिटटी और लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होता है. यह मिटटी और बॉडी दोनों के टॉक्सिंस निकालने का काम करता है. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अब एक राज्य ने बड़ी पहल की है. 


राजस्थान सरकार जैविक खेती पर दे रही सब्सिडी


जैविक खेती को लेकर किसानों को अवेयर किया जा रहा है. किसानों का रुझान भी जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है. राज्य सरकार भी किसानों को सब्सिडी दे रही हैं. अब राजस्थान सरकार ने इसी को लेकर कवायद की है. राज्य सरकार ने किसानों को जैविक खेती पर सब्सिडी देने का निर्णय लिया है. 


इतनी मिलेगी सब्सिडी


किसानों को राज्य में जैविक खेती करने पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है. बागवानी फसलों में जैविक खेती बढ़ाने के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10000 रुपये प्रति हेक्टेयर ही किसान को दिए जाएंगे. ये धनराशि प्रति हेक्टेयर प्रति लाभार्थी अधिकतम 4 हेक्टेयर क्षेत्र तक तीन वर्षाे में 40 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 30 प्रतिशत के अनुपात में दिया जाएगा. यदि किसान जैविक उत्पाद का प्रमाणीकरण कराना चाहता है तो 50 हेक्टेयर कल्स्टर के लिए 5 लाख रुपये दिए जाएंगे. इसे भी 3 सालों में बांटा गया है. पहले साल में 1.50 लाख रुपये, दूसरे में 1.50 लाख रुपये और तीसरे साल में 2 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. 


ये है स्कीम की पात्रता


किसान के पास खुद की जमीन होने चाहिए. यह कम से कम एक हेक्टेयर हो. इसके अलावा पशुधन, पानी और कार्बनिक पद्धार्थ उपलब्ध होने चाहिए. लगातार 3 साल तक चयनित खेत में जैविक विधि से फसल उत्पादन करना चाहता हो. जैविक खेती प्रमाणीकरण के लिये प्रमाणीकरण संस्था से जुड़ने का इच्छुक हो. सभी फसलों का उत्पादन जैविक तरह से ही किया जाए. जैविक खेती कार्यक्रम से जुड़े और ऐसे किसानों को ही प्राथमिकता दी जाएगी. 


इन राज्यों के किसान उठा सकते हैं लाभ


राजस्थान के कई जिले के किसान योजना का लाभ उठा सकते हैं. अजमेर, अलवर, बांसवाडा, बाडमेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुंनू, जोधपुर, कोटा, नागौर, पाली, सिरोही, सवाई माधोपुर, टोंक, उदयपुर, बारां, करौली ऐसे ही जिलों में शामिल हैं. 


यहां करें आवेदन


किसान को सब्सिडी पाने के लिए आवेदन करना जरूरी है. इसके लिए किसानों को नजदीकी ई-मित्र केंद्र जाना होगा. किसान चाहे तो खुद को ई-मित्र खाते से अप्लाई कर सकते हैं. जैविक खेती के लिए किसी तरह के शुल्क की व्यवस्था नहीं की गई है. इसके लिए डॉक्यूमेंट के रूप में जमाबंदी की कॉपी, एड्रेस प्रूफ की कॉपी, बैंक पासबुक की कॉपी, किसान का शपथ पत्र, जमाबंदी की कॉपी जैसे दस्तावेज होने चाहिए. किसानों को सब्सिडी आरटीजीएस के माध्यम से भेजी जाएगी. 


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