Doctor Organic Vermi Compost: भारत में जैविक खेती का चलन बढ़ता जा रहा है. वैसे तो सदियों से कई किसान जैविक खेती (Organic Farming) करते आ रहे हैं, लेकिन इन दिनों किसानों ने जैविक खेती से फसलों का बेहतरीन उत्पादन लेकर खाद प्रसिद्धी हासिल की है. बता दें कि जैविक खेती में गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट (Vermi Compost) अहम भूमिका निभाते हैं. जैविक खाद (Organic Fertilizer) बनाना तो आसान है, लेकिन केंचुआ खाद बनाने के लिये पूरी यूनिट लगाई जाती है, जिस पर सरकार सब्सिडी भी देती है.


आज के समय में ऐसे कई युवा और किसान हैं, जिन्होंने सिर्फ वर्मी कंपोस्ट बनाकर ही काफी अच्छा नाम और पैसा कमा लिया है. इन्हीं में शामिल है जयपुर, राजस्थान के नजदीकी सुंदरपुरा गांव के डॉ. ऑर्गेनिक वर्मीकंपोस्ट श्रवण यादव (Dr. Organic Vermi Compost Shravan Yadav), जिन्होंने एमएनसी का लाखों का पैकेज छोड़कर जैविक खेती में पीएचडी की डिग्री हासिल की और अब जैविक खेती के साथ-साथ वर्मी कंपोस्ट का बिजनेस (Vermi Compost Buisness) भी करते हैं. एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले डॉ श्रवण यादव ने साल 2020 में वर्मी कंपोस्ट का बिजनेस शुरू किया था.


MNC के नौकरी में नहीं आया मजा
डॉ. श्रवण यादव ने साल 2012  में कर्नाटक से ऑर्गेनिक फार्मिंग में एमएससी (MSc. Organic Farming) की पढ़ाई की और वहीं एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने लगे. वहां कंपनी में कीटनाशक दवाओं का प्रमोशन करना होता है. श्रवण यादव जल्द ही इस नौकरी से ऊब गये और अपने गांव वापस आकर जैविक खेती करने का मन बनाया. इसके बाद उदयपुर महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी जैविक खेती की पढ़ाई के साथ पीएचडी (PhD in Organic Farming) की डिग्री हासिल की.


अचानक पिता जी को कैंसर की बीमारी हो गयी, जिसकी जांच में कैमिकल के सेवन की बात सामने आई, जबकि कोई बुरी आदत थी ही नहीं. रिसर्च की तो पता चला कि कैमिकल वाली खेती के कारण ये समस्या आ पड़ी है. बस फिर क्या, साल 2016 में कैमिकल वाली खेती छोड़कर जैविक खेती करने का फैसला लिया.


बता दें कि जैविक खेती अपनाने के बाद इसमें बेहतरीन प्रदर्शन के लिये श्रवण यादव के पिता सीता राम यादव को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ‘बेस्ट जैविक किसान’ (Best Organic Farmer Award) का खिताब भी मिला है. ये सिर्फ कुछ सालों की मेहनत और जैविक खेती से जुड़े रहने का नतीजा है, जिसके चलते मिट्टी की सेहत के साथ-साथ श्रवण यादव के पिता के स्वास्थ्य में भी काफी सुधार हुआ है.


कोरोना महामारी डाली वर्मी कंपोस्ट यूनिट
श्रवण यादव जब तक नौकरी में थे, तब तक ना तो खुद ही जैविक खेती कर पा रहे थे और ना ही अपनी डिग्री का सही इस्तेमाल कर पा रहे हैं. दिमाग में यही सवाल रहता था कि कैसे किसानों को जैविक खेती करने के लिये प्रेरित किया जाये. ये कोरोना महामारी का समय था, जब घर पर खाली बैठे श्रवण यादव को वर्मीकंपोस्ट यूनिट लगाने का विचार आया. इसके बाद 17  बैड डालकर खुद की वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगा दी.


इस बीच लोगों ने श्रवण यादव का काफी मजाक भी उड़ाया कि डॉक्टरी की पढ़ाई करके भी जैविक खाद बना रहे हो, लेकिन सभी उपहासों को झेलने के बावजूद उन्होंने अपना काम जारी रखा. इस बीच उनका फोकस सिर्फ अच्छी क्वालिटी वाली खाद बनाने पर ही रहा.


वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिये शुरुआत में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा, कभी गोबर में केंचुआ नहीं पनपता था तो कभी खाद की क्वालिटी सही नहीं रहती. जब अच्छी क्वालिटी वाली वर्मी कंपोस्ट बनी भी तो मार्केटिंग की समस्या पैदा होने लगी. इसके लिये श्रवण वर्मा ने यूट्यूब और सोशल मीडिया का सहारा लिया और 'डॉ. ऑर्गनिक वर्मीकम्पोस्ट' (Doctor Organic VermiCompost) नाम से चैनल बनाकर वर्मी कंपोस्ट की वीडियो डालने लगे. 


2 लाख रुपये महीने की आमदनी
सोशल मीडिया का नुस्खा काम कर गया और श्रवण यादव की यूनिट में बनी कंपोस्ट अब देशभर में बिकने लगी. इसके बाद डॉक्टर श्रवण का पूरा फोकस बेहतर क्वालिटी वाली वर्मी कंपोस्ट बनाने पर ही था, इसलिये उन्होंने कंपोस्ट की मार्केटिंग (Vermi compost Marketing) का काम अपने छोटे भाई को सौंप दिया. जब वर्मी कंपोस्ट यूनिट से मुनाफा बढ़ने लगा तो 17 बैड वाली कंपोस्ट यूनिट को 700 बैड वाले वर्मी कंपोस्ट बिजनेस में बदल दिया.


आज के समय में डॉ. श्रवण यादव (Dr. Shravan Yadav) की वर्मी कंपोस्ट यूनिट से हर महीना करीब 30 टन केंचुआ खाद का उत्पादन होता है. इसी सफलता की कहानी से प्रेरित होकर आज 20,000 लोग श्रवण यादव से जुड़ चुके हैं और खुद का वर्मी कंपोस्ट बिजनेस(Vermi Compost Business) कर रहे हैं. आज श्रवण कुमार सिर्फ वर्मी कंपोस्ट (Vermi Compost) ही नहीं बनाते, बल्कि नींबू और बेर एप्पल की जैविक बागवानी (Organic Farming) भी करते हैं. एक अनुमान के मुताबिक अकेले वर्मीकंपोस्ट यूनिट (Vermi Compost Unit) से ही 2 लाख रुपये महीने की आमदनी हो रही है.  


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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