एक्सप्लोरर

Organic Farming: जैविक खेती को लेकर किसानों के मन में भ्रम, क्या सच में कम हो जाता है प्रोडक्शन, यहां जानें

Organic Production: देश में जैविक खेती का चलन बढ़ता जा रहा है. ये पर्यावरण के साथ-साथ सेहत की बेहतरी का मंत्र है, लेकिन किसानों के मन में भ्रम है कि इससे उत्पादन कम हो जाता है. असल में ऐसा नहीं है.

Jaivik Kheti: रसायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से हमारी धरती बंजर होती जा रही है. इसका असर ना सिर्फ मिट्टी की सेहत पर पड़ रहा है, बल्कि पर्यावरण और लोगों की सेहत भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. अब किसान भी समझने लगे हैं कि रसायनिक खेती करने पर लागत भी ज्यादा आ रही है. तब ही तो देश की बड़ी किसान आबादी अब जैविक खेती की तरफ रुख कर रही है. सिर्फ किसान ही नहीं, देश के युवा, प्रोफेशनल्स और शहरों में रहने वाले लोग भी अब जैविक खेती और इससे उपजे उत्पादों को प्रति जागरुक हो रहे हैं. कई लोगों ने अपनी नौकरियां छोड़कर जैविक खेती को ही बिजनेस बना लिया है. इस सब के बावजूद आज भी कई किसानों को मन में जैविक खेती को लेकर तरह-तरह के भ्रम हैं.

कई किसान पूरी तरह जैविक खेती की तरफ नहीं बढ़ पा रहे. उनका मानना है कि जैविक रसायनिक खेती छोड़कर खेती करने पर शुरुआती सालों में फसल की उत्पादकता कम हो जाती है, हालांकि कई राज्य सरकारें जैविक खेती करने के लिए अनुदान भी देती हैं, जिससे किसानों पर भारी इस नुकसान को कम किया जा सके, लेकिन ICAR-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने 'जैविक खेती से उत्पादन की कमी' की बात तो सिरे से नकार दिया है.

देश में कृषि की सबसे बड़े कृषि अनुसंधान संस्थान 'भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान' ने कुछ समय पहले ही एक रिपोर्ट जारी करके बताया था कि कैमिकल फार्मिंग के मुकाबले जैविक खेती की उत्पादकता 20 से 25 फीसदी तक ज्यादा है. इस संबंध में 'भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान' ने कुछ आंकड़े भी जारी किए हैं.

कम नहीं होता, कई गुना बढ़ जाता है उत्पादन
पर्यावरण में हो रहे अनिश्चितकालीन बदलावों के बीच कई सालों से किसानों को जैविक खेती की तरफ बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने कैमिकल फ्री खेती को प्रोत्साहित करते हुए कई अभियान और योजना चलाई हैं.

इसी कड़ी में ऑर्गेनिक फार्मिंग को लेकर कुछ साल पहले भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने एक रिपोर्ट भी जारी की थी. इस रिपोर्ट में भारत की प्रमुख नकदी फसल- गन्ना, चावल, मूंगफली, गेहूं, फल और सब्जियों के जैविक खेती बनाम रसायनिक खेती से मिले उत्पादन के आंकड़े प्रस्तुत किए.

इन आंकड़ों से पता चला कि जैविक विधि से उगाए गए गन्ना की पैदावार कैमिकल वाली खेती से 15.26% अधिक रहती है. इसके अलावा, जैविक विधि से चावल की 12.82 फीसदी, गेहूं की 28.57 फीसदी, मूंगफली की 28.57 फीसदी, सोयाबीन की 45.09 फीसदी  और फल-सब्जियों की उत्पादकता में 7.14 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.

रसायनिक खेती बनाम जैविक खेती

(फसल की उत्पादकता)

फसल

रसायनिक खेती

जैविक खेती

जैविक उत्पादन में ग्रोथ

गन्ना (टन)

817

942

15.26%

चावल (क्विंटल)

78

88

12.82%

मूंगफली (क्विंटल)

14

18

28.57%

सोयाबीन (क्विंटल)

51

74

45.09%

गेहूं (क्विंटल)

35

45

28.57%

फल एवं सब्जियां(क्विंटल)

14

15

7.14%

Source:- Indian Agriculture Research Institute

उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ाना जरूरी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. युद्धवीर सिंह बताते हैं कि फसल की ग्रोथ के लिए आवश्यक पोषक तत्वों के लिए ऑर्गेनिक कार्बन मेन सोर्स है. इसकी कमी से पौधों का विकास थम जाता है, जिससे उत्पादन भी कम हो जाता है, लेकिन ऑर्गेनिक फार्मिंग करने पर ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा को भी बढ़ाया जा सकता है.

आपको बता दें कि कई रिसर्च में साबित हुआ है कि कैमिकल के बढ़ते इस्तेमाल से ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा कम होती जा रही है. खासतौर पर हरित क्रांति से पहले गंगा के मैदानी इलाकों में 0.5  फीसदी ऑर्गेनिक कार्बन मौजूद था, जो आज घटकर 0.2 फीसदी ही रह गया है. ये बंजर होती जमीन का सूचक है, जिसे जैविक खेती करके ही ठीक किया जा सकता है.

जैविक खेती के बेमिसाल फायदे
जाहिर है कि ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स यानी जैविक विधि से उगे फल, सब्जी, अनाज की कीमत कैमिकल खेती से उपजे उत्पादों की तुलना में ज्यादा होती है, जबकि कैमिकल वाली खेती की लागत ज्यादा होती है. जैविक खेती के हितैषियों का मानना है कि जैविक खेती का क्रम लगातार जारी रखने से ही अच्छा उत्पादन हासिल कर सकते हैं. अब यदि अपनी सेहत को बेहतर रखना है तो कैमिकल फ्री ऑर्गेनिक उत्पादों का सेवन करना ही होगा. यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है.

  • जैविक खेती का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इससे खेती की लागत कम होती है और बाजार में ऑर्गेनिक उत्पाद ज्यादा दाम पर बिकते हैं, जिससे किसानों की आय में भी ग्रोथ हुई है.
  • जैविक खेती करने से ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ती है, मिट्टी में जीवांशों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ उर्वरता भी बढ़ जाती है. 
  • जैविक खेती से जमीन में भूजल स्तर बेहतर बनता है और मिट्टी में नमी कायम रहती है. मिट्टी से पानी का वष्पीकरण भी नहीं होता और सिंचाई की कम ही आवश्यकता होती है.

दुनिया में बढ़ रही भारतीय जैविक उत्पादों की मांग
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां की धरती को सबसे ज्यादा उपजाऊ बताया जाता है. देश में जैविक खेती को अब बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन युगों-युगों से यहां के किसान जैविक खेती ही करते आ रहे हैं. बीच में रसायनिक उर्वरकों के बढ़ते चलन से जैविक खेती का रकबा कुछ कम हुआ था, लेकिन अब सरकार की नीति और कृषि वैज्ञानिकों के प्रयास रंग ला रहे हैं और किसान जैविक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं.

इसका नतीजा यह है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत के जैविक उत्पादों की भारी मांग है. साल 2022 में प्रकाशित इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ऑर्गेन‍िक एग्रीकल्चर मूवमेंट जर्मनी और र‍िसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्गेन‍िक र‍िसर्च स्विट्जरलैंड के हवाले से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बताया था कि साल 2014-2020 यानी 6 वर्ष की अवधि में जैविक उत्पादों की मांग 8.7 फीसदी तक बढ़ गई है, जिसमें हर साल ग्रोथ दर्ज हो रही है.

यह किसानों के लिए अच्छा संकेत हैं, क्योंकि उनके खेत से निकले जैविक कृषि उत्पादों को सिर्फ भारत में ही नहीं, विदेशों में भी पसंद किया जा रहा है. सरकार भी जैविक उत्पादों के बढ़ते निर्यात के बीच जैविक खेती करने वाले किसानों को आर्थिक और तकनीकी मदद दे रही है. किसानों को उनकी जैविक उपज के सही दाम दिलवाने की भी कवायद की जा रही है.

इन देशों में है भारी डिमांड
जैविक उत्पादों के वैश्विक निर्यात को लेकर कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण- एपीडा की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2020-21 के दौरान भारत से करीब 7,078 करोड़ रुपये के जैविक कृषि उत्पादों का निर्यात हुआ, जबकि केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि साल 2016-17 में सिर्फ 3,05,599 मीट्रिक टन ऑर्गेन‍िक प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट हुआ था.

इन रुझानों से ही समझ सकते हैं कि सिर्फ 4 साल के अंदर जैविक कृषि उत्पादों की डिमांड 3 गुना बढ़ गई, जिससे निर्यात भी 8,88,179.69 मिट्रिक टन हो गया है. आज अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, कनाडा, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और इजराइल भी भारत की मिट्टी में उगने वाले जैविक कृषि उत्पादों के फैन हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें:- मिलेट्स के इस बिजनेस से होगी चौतरफा कमाई, इस स्कीम के जरिए सरकार भी देगी इंसेंटिव

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'दरगाह पिछले 800 वर्षों से वहां है', अजमेर शरीफ में शिव मंदिर होने के दावे पर भड़के ओवैसी, कहा-इस तरह कानून का राज कहां रहेगा
अजमेर शरीफ में शिव मंदिर होने के दावे पर भड़के ओवैसी, कहा-इस तरह कानून का राज कहां रहेगा
'प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं', अजमेर दरगाह के मुद्दे पर जजों पर भी भड़के रामगोपाल यादव
'प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं', अजमेर दरगाह के मुद्दे पर जजों पर भी भड़के रामगोपाल यादव
मलाइका अरोड़ा ने रेमो संग जमीन पर लेटकर किया डांस, गुस्से में दिखीं गीता मां, बोलीं- अब ज्यादा हो रहा
मलाइका अरोड़ा ने रेमो संग जमीन पर लेटकर किया डांस, गुस्से में दिखीं गीता मां, बोलीं- अब ज्यादा हो रहा
SMT 2024: बड़ौदा ने आखिरी गेंद पर हासिल किया 222 रनों का लक्ष्य, हार्दिक पांड्या ने गर्दा उड़ाकर दिलाई जीत 
बड़ौदा ने आखिरी गेंद पर हासिल किया 222 रनों का लक्ष्य, हार्दिक पांड्या ने दिलाई जीत
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Sambhal Masjid Clash : संभल हिंसा के सारे झूठ सामने आ गए,  योगी दंगाइयों को सिखाएंगे सबक!TOP Headlines: फटाफट अंदाज में देखिए दोपहर की बड़ी खबरें | Parliament Session | Sambhal ViolenceBangladesh में कट्टरपंथियों ने मचाया आतंक, Iskcon का एक और सेंटर बंद कराया !Priyanka Gandhi Oath : संसद में पहली बार प्रियंका गांधी ने ली शपथ | Rahul Gandhi

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'दरगाह पिछले 800 वर्षों से वहां है', अजमेर शरीफ में शिव मंदिर होने के दावे पर भड़के ओवैसी, कहा-इस तरह कानून का राज कहां रहेगा
अजमेर शरीफ में शिव मंदिर होने के दावे पर भड़के ओवैसी, कहा-इस तरह कानून का राज कहां रहेगा
'प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं', अजमेर दरगाह के मुद्दे पर जजों पर भी भड़के रामगोपाल यादव
'प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं', अजमेर दरगाह के मुद्दे पर जजों पर भी भड़के रामगोपाल यादव
मलाइका अरोड़ा ने रेमो संग जमीन पर लेटकर किया डांस, गुस्से में दिखीं गीता मां, बोलीं- अब ज्यादा हो रहा
मलाइका अरोड़ा ने रेमो संग जमीन पर लेटकर किया डांस, गुस्से में दिखीं गीता मां, बोलीं- अब ज्यादा हो रहा
SMT 2024: बड़ौदा ने आखिरी गेंद पर हासिल किया 222 रनों का लक्ष्य, हार्दिक पांड्या ने गर्दा उड़ाकर दिलाई जीत 
बड़ौदा ने आखिरी गेंद पर हासिल किया 222 रनों का लक्ष्य, हार्दिक पांड्या ने दिलाई जीत
हाथ और उंगलियों में लगातार आ रही है सूजन तो इस बीमारी के हैं संकेत, तुरंत करें ये काम
हाथ और उंगलियों में लगातार आ रही है सूजन तो इस बीमारी के हैं संकेत, तुरंत करें ये काम
बेगानी शादी में दो हजार रुपये के लिए दूल्हा बन गया शख्स, फेरे लेते हुए फूट गया भांडा- नहीं रुकेगी आपकी हंसी
बेगानी शादी में दो हजार रुपये के लिए दूल्हा बन गया शख्स, फेरे लेते हुए फूट गया भांडा- नहीं रुकेगी आपकी हंसी
हाई राइज बिल्डिंगों में रहने वाले लोगों पर पॉल्यूशन का ज्यादा होता है असर? जानें क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
हाई राइज बिल्डिंगों में रहने वाले लोगों पर पॉल्यूशन का ज्यादा होता है असर? जानें क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
PHOTOS: हाथ में संविधान की किताब, भाई राहुल को प्रणाम, प्रियंका गांधी ने शपथ लेते हुए क्या कुछ कहा
PHOTOS: हाथ में संविधान की किताब, भाई राहुल को प्रणाम, प्रियंका गांधी ने शपथ लेते हुए क्या कुछ कहा
Embed widget