Paddy Cultivation In India: रबी फसलों की कटाई शुरू हो गई है. खेतों में किसान रबी सीजन की फसलों को काटने पहुंचने लगा है. हालांकि कई राज्यों में बारिश किसान के सामने रोड़ा बनी हुई है. वहीं, किसानों के साामने एक टेंशन ये और बन गई है कि कटाई के बाद किस तरह के बीजों की बुवाई करना सही रहेगा. धान की फसल के लिए कौन सा गेहूं सही रहेगा. कौन सी प्रजाति बेहतर है. धान की ऐसी ही प्रजातियों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे, जिनकी बुवाई कर अच्छी पैदावार की जा सकती है. इन धान की प्रजातियों को किसान खेतों में बोना भी पसंद करते हैं.  


दंतेश्वरी धान


दंतेश्वरी धान की प्रजाति अच्छी किस्मों में गिनी जाती है. यह 90 से 95 दिन तमें पकर तैयार हो जाती है. यदि उपज की बात करें तो प्रति हेक्टेयर 40 से 50 क्विंटल हो जाता है. यह छोटो और मध्यम आकार का पौधा होता है. कम वर्षा वाले क्षेत्र में इसकी उपज बेहतर हो जाती है. 


पूसा 1460


उपज के मामले में धान की ये प्रजाति भी अव्वल है. इसकी बुवाई करने पर 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक धान उत्पादन हो जाता है. यह फसल 120 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसका पौधा आकार में छोटा होता है. 


पूसा सुगंध 3


पूसा सुगंध 3 पौधा लंबा, पतला और सुंगधित होता है. इसके चावल की महक कुछ अलग होती है. यह प्रजाति भी 120 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. उपज की बात करें तो 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. 


पूसा सुगंध 4


धान की ये प्रजाति 120 से 125 दिन में तैयार हो जाती है. इसकी उपज प्रति हेक्टेयर 40-45 क्विंटल तक है. इसका दाना अन्य चावल की अपेक्षा कुछ लंबा होता है. यह भी सुंगधित होता है. 



डब्लू.जी.एल 32100
इस धान की उपज भी 55 से 60 प्रति क्विंटल तक होती है. यह फसल भी 125 से 130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसका दाना आकार में कुछ छोटा होता है. 


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