Paddy Crop: यूपी के इन जिलों में धान को लगा बौना रोग, विशेषज्ञों ने किसानों को दी अहम राय
खरीपफ सीजन चल रहा है. वहीं रोग भी फसल को अपनी चपेट में ले रहे हैं. ऐसे ही रोग के कारण धान की फसल पर संकट खड़ा हो गया है.
खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान बीमार पड़ रही है. पश्चिमी यूपी के कई जिलों में धान को बौने रोग ने अपनी चपेट में ले लिया है. हालांकि कुछ जगह धान की फसलें ठीक भी हैं. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यह बौने रोग के लक्षण हैं. उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में इस रोग का प्रकोप अधिक देखने को मिल रहा है. इसके अलावा बुलंदशहर, हापुड़, शामली, बड़ौत व कुछ अन्य जिलों में भी पौधे रोग की गिरफ्त में आए हैं.
पूसा बासमती 1509, 1121 अधिक चपेट में आए
जिलों में धान की जो स्थिति देखने को मिल रही है. उसके मुताबिक यह बैक्टीरियल और फंगस का ज्वाइंट अटैक है. पूसा बासमती- 1509 और पूसा बासमती- 1121 प्रजातियों में यह रोग अधिक देखा गया है. किसानों के सामने संकट यह है कि फसल की पूरी बढ़वार नहीं हुई तो धान का प्रोडक्शन काफी कम हो जाएगा.
पीली, लाल होकर सूख जाती हैं पत्तियां
कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी धान की ग्राउंड स्थिति देख रहे हैं. काफी संख्या में खेतों में यह रोग देखने को मिला है. इस रोग की चपेट में आने के बाद इफेक्टेड पौधे डेवलप नहीं हो पाते हैं. इनकी पत्तियां पीली, लाल होकर फिर सूखने लगती हैं. कृषि वैज्ञानिक डॉ. विवेक राज ने बताया कि रोग से बचाव के लिए दवा का छिड़काव अवश्य करें.
पहली बार दिखा फसल पर रोग
धान की फसल बीमार देखकर जहां किसान परेशान हैं, वहीं कृषि वैज्ञानिक भी टेंशन में हैं. धान की फसल में इस तरह का रोग पहली बार देखा जा रहा है. कृषि वैज्ञानिकों ने इसके कारणों की जांच शुरू कर दी है. रोग पर कंट्रोल करने के लिए किसानों को कासुगामाइईसन 200 ग्राम और थायो फिनेट मिथाइल 400 ग्राम को 200 लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करने की सलाह दी गई है. किसान कृषि वैज्ञानिकों की एडवाइज पर दवा का छिड़काव भी कर रहे हैं.
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