देश में खरीफ सीजन की फसलों की खरीद चल रही है. राज्य सरकारों के सहयोग से स्टेट और केंद्रीय एजेंसियां जमकर धान खरीद रही हैं. इनका ब्यौरा केंद्र स्तर पर जुटाया जा रहा है.  सीजन में धान खरीद का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि धान उत्पादन को लेकर देश में किसी तरह की परेशानी नहीं हैं. जिन राज्यों में धान खरीद चल रही है. वहां किसान एमएसपी पर अपनी फसल बेंचे. इससे उन्हें अच्छे दाम मिल सकेंगे. 


320 लाख टन हुई धान खरीद
पिछले दो महीने से देश में धान खरीद चल रही है. भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य सरकार की एजेंसी चालू खरीफ सीजन (2022-23) के लिए धान की खरीद 13 प्रतिशत बढ़कर 320 लाख(3.2 करोड़) टन हो गई है. 


राज्यों में जमकर हो रही धान खरीद
सितंबर के अंत तक और अक्टूबर के पहले सप्ताह में हुई बारिश ने धान में मंडी आवक को प्रभावित नहीं किया है. पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना बंपर धान खरीद हो रही है. इनमें से कुछ राज्यों में धान खरीद बंद भी कर दी गई है. पंजाब में 18.2 मीट्रिक टन धान खरीदा है. हालांकि यह पिछले साल केे मुकाबले 2.7 प्रतिशत कम है. हरियाणा में एजेंसियों ने एमएसपी पर 5.8 मीट्रिक टन अनाज की खरीद की है. यह एक साल पहले इसी अवधि में 7 प्रतिशत अधिक थी. तेलंगाना में अब तक 2.4 मीट्रिक टन धान है. यह पिछले साल के सापेक्ष 50 प्रतिशत अधिक है. उत्तर प्रदेश में, जहां अक्टूबर में बेमौसम बारिश से धान की फसल प्रभावित हुई थी. एजेंसियों ने 12 लाख टन अनाज खरीदा है. यह पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम है. छत्तीसगढ़ मे(2.5 मिलियन टन), तमिलनाडु (0.8 मिलियन टन) और उत्तराखंड (0.8 मिलियन टन) धान खरीदा गया है. ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अगले कुछ सप्ताह में धान खरीद तेजी से बढ़ेगी.


सरकारी योजनाओं के संचालन में नहीं आएगी दिक्कत
अप्रैल 2020 में मुफ्त राशन योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 31 दिसंबर, 2022 तक बढ़ाया गया है. इस योजना को सातवीं बार बढ़ाया है. 1 जनवरी के लिए 7.6 मीट्रिक टन के बफर के मुकाबले एफसीआई के पास वर्तमान में 14 मीट्रिक टन चावल का स्टॉक केंद्र सरकार के पास है. पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश केंद्रीय चावल पूल में बड़ा योगदान है. इसी से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और मुफ्त राशन योजना के तहत लाभार्थियों को अनाज दे दिया जाता है. अतिरिक्त अनाज वाले राज्यों से खरीदे गए चावल का उपयोग एफसीआई के पास बफर स्टॉक रखने के लिए भी किया जाता है.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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