Paddy Procurement In Odisha: देश के कई राज्यों में धान खरीद चल रही है. उत्तर प्रदेश में धान खरीद सुस्त है तो यहां प्रदेश सरकार ने किसानों को रियायत दी है कि जबतक किसान चाहें, मंडी में धान आकर बेच सकते हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में धान खरीद जारी है. वहां भी किसानों को राहत दी जा रही है. हर राज्य सरकार अपने स्तर से किसानों के हित में कदम उठा रही है. अब ओड़िशा सरकार की ओर से ऐसी शानदार पहल की गई है. राज्य सरकार के इस कदम से किसानों ने राहत की सांस ली है. 


किसानों के लिए खोली कैंटीन, मिलेगा फ्री खाना


ओडिशा में मंडियों में किसान बहुत दूर से धान बेचने के लिए आते हैं. कई बार वह सुबह के समय खाली पेट ही मंडी पहुंच जाते हैं. उनके पास समय का अभाव होता है और कई बार पैसे भी नहीं होते. ऐसे किसानों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से पहल की गई है. धान खरीद केंद्रों के पास ही किसानों के लिए मुफ्त कैंटीन खोली गई है. यहां किसान फ्री में भोजन कर सकेंगे. 


गजपति जिले में खोली गईं कैंटीन


गजपति जिले में किसानों को लिए ऐसी ही कैंटीन की शुरुआत की गई है. गजपति के अलावा परलाखेमुंडी, काशीनगर, उपलाडा और गरबांध में भी कैंटीन की शरुआत की गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गजपति के जिलाधिकारी लिंगराज पांडा ने बताया कि परलाखेमुंडी विनियमित बाजार समिति (आरएमसी) की ओर से चलायी जा रही मुफ्त कैंटीन में क्षेत्रों के महिला स्वयं सहायता समूहों भोजन सब्जी तैयार करती हैं. इसी भोजन और सब्जी को किसानों को फ्री में दिया जाता है. किसानों को मुफ्त भोजन दोपहर में मिलेगा. यह सुविधा उन किसानों के लिए है, जो भोजन करने के लिए घर नहीं जा पाते हैं. 


15 कैंटीन खोलने की योजना


धान खरीद केंद्रों पर आरएमसी की ओर से भोजन के साथ किसानों को ठंडा पानी और अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं. लेकिन अभी कई धान खरीद केंद्र ऐसे हैं, जहां किसानों को इस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं है. अब जिला प्रशासन इन खरीद केंद्रों पर भी फ्री कैंटीन खोलने की योजना बना रहा है. जिला प्रशासन की मानें तो जिले में करीब 15 कैंटीन इसी तरह की खोली जाएंगी. इससे किसानों का भला हो सकेगा. 


हर कैंटीन में 20 किसान भोजन खा रहे


नागरिक आपूर्ति अधिकारी प्रफुल्ल कुमार बेहरा ने बताया कि कैंटीन की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है. देखा गया है कि हर दिन करीब 20 किसान कैंटीन में मुफ्त भोजन ले रहे हैं. कैंटीन संचालन का खर्चा आरएमसी को दिया जाता है. प्रति किसान खाने के एवज में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रति किसान 60 रुपये दिए जाते हैं. जिन अन्य स्थानों पर कैंटीन खोलने की तैयारी हैं. वहां भी इसी तरह खर्चे को मैनेज किया जाएगा. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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