Paddy Procurement In Bihar: देश के अधिकांश हिस्सों में खरीफ सीजन के धान की खरीद लगभग पूरी हो चुकी है. हालांकि कुछ राज्यों में सुस्त गति रही तो अभी भी खरीद केंद्रों पर धान बेचने के लिए पहुंच रहे हैं. बिहार में किसानों को धान खरीद के लिए संकट का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी केंद्रों पर किसानों से मनमर्जी से धान खरीदी जा रही है. बताया गया है कि मोटा धान की एमएसपी 2040 रुपये है. लेकिन किसान मजबूरन 1720 से 1750 रुपये प्रति क्विंटल ही बेचना पड़ रहा है. इसका नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है. 


धान बेचने नहीं पहुंच रहे किसान


बिहार के जिले नालंदा में धान खरीद का लक्ष्य 1.92 लाख टन रखा गया है. अभी तक 27261 किसानों से 1.68 लाख टन धान खरीद की जा चुकी है. धान बेचने के लिए करीब 59 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था. पंजीयन के सापेक्ष बहुत कम किसान धान बेचने के लिए पहुंचे हैं. वहीं, लक्ष्य के सापेक्ष भी 24 हजार टन धान खरीद रह गई है.  


किसान सस्ते में धान क्यों बेच रहे?


राज्य के बिहार शरीफ में किसानों के सामने संकट आ गया है कि किसान सरकार के स्तर से तय दर पर धान नहीं बेच पा रहे हैं. इसके पीछे वजह बिचौलियों की मनमानी होना है. बिचौलिये किसानों से 1750 रुपये से अधिक की कीमत पर धान खरीदने को तैयार नहीं है. वहीं, बिहार में धान खरीद की जिम्मेदारी पैक्स को सौंपी गई है. उधर, पैक्स ने नमी, धूल, गर्दा के नाम पर 5 से 6 प्रतिशत की कटौती शुरू कर दी है. किसानों को सरकारी केंद्रों पर भी एमएसपी का भाव नहीं मिल रहा है. इसी कारण सस्ते में बेचने को मजबूर हैं. 


15 फरवरी तक होनी है धान खरीद


बिहार में धान खरीद का लक्ष्य 45 लाख एमटी है. यह लक्ष्य 15 फरवरी तक हासिल किया जाना है. लेकिन यहां धान खरीद के सही सही आंकड़े राज्य सरकार के स्तर से जारी नहीं किए गए हैं. बिहार में जिलों की संख्या 48 है. बताया गया है कि प्रत्येक जिले में ही धान खरीद की स्थिति बेहद सुस्त बनी हुई है. बिहार के जमुई जिले में 9786 एमटी धान खरीद का लक्ष्य मिला था. लेकिन अभी तक लक्ष्य ही पूरा नहीं हो पाया है. रिपोर्ट के अनुसार, धान खरीद को केवल दस दिन बचे हैं. जिले के 949 किसानों से केवल 5906 एमटी धान की खरीद की गई है. वहीं, 641 किसानों के खाते में साढ़े 8 करोड़ रुपये भेजा गया है. उत्तर बिहार में एक नवंबर से धान खरीद शुरू कर दी गई थी. वहीं, दक्षिण बिहार में धान खरीद 15 नवंबर से हुई. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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