Paddy Procurement In Chhattisgarh: देश के अधिकांश राज्यों में धान खरीद पूरी कर ली गई हैं. लेकिन बिहार, उत्तर प्रदेश में धान खरीद की गति बेहद सुस्त नजर आ रही है. उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की परेशानी को देखते हुए अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्तर से किसानों को परेशानी न होने दी जाए. वहीं, राज्य सरकारों के स्तर से किसानों के खाते में एमएसपी पर खरीदे गए धान की धनराशि भी उनके खाते में तय समय पर भेजी जा रही है. किसान धनराशि के लिए इधर उधर न भटकें. उनके लिंक्ड खातों में ही पैसा भेजा जा रहा है. 


अपैक्स भेजेगा किसानों के खाते में भेजेगा 22 हजार करोड़ रुपये
छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान खरीद शुरू कर दी गई थी. 31 जनवरी तक धान खरीद करने का लक्ष्य तय किया गया था. 31 जनवरी गुजर चुकी हैं. राज्य सरकार लगभग धान खरीद पूरी कर चुकी हैं. वहीं, किसानों के सामने संकट होता है कि धान खरीद के एवज में पैसा मिल रहा है या नहीं तो धान खरीद के भुगतान के लिए मार्क फेड ने अपैक्स बैंक को 22 हजार करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं. जिन किसानों को धान खरीद की पैमेंट नहीं मिली है. यह धनराशि उन किसानों के खाते में भेजी जाएगी. 


लक्ष्य के बराबर पहुंची धान खरीद
राज्य सरकार ने 31 जनवरी तक धान खरीद का लक्ष्य 110 लाख मीट्रिक टन रखा था. 30 जनवरी तक राज्य में धान खरीद के जो रिकॉर्ड सामने आए हैं. उसके अनुसार, धान खरीद के पिछले सभी रिकॉर्ड को पार करते हुए राज्य में 30 जनवरी तक 107 लाख मीट्रिक टन धान खरीद लिया गया. यह धान खरीद राज्य के 23.39 लाख किसानों से की गई है. 


96 लाख मीट्रिक टन उठान का डीओ जारी
राज्य सरकार धान खरीद लेती हैं. लेकिन खपत और उनके सुरक्षित भंडार के लिए उसका उठान भी करना जरूरी होता है. इसी कड़ी में कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठान शुरू कर दिया गया है. 107 लाख मीट्रिक टन धान खरीद में से लगभग 96 लाख मीट्रिक टन धान उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है. इसके सापेक्ष मिलर्स ने 89 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का उठाव कर लिया है. वहीं, राज्य में इस साल धान खरीद के लिए 24.98 लाख किसानों का पंजीकरण हुआ है. इसमें 2.32 लाख नये किसान शामिल रहे. राज्य में सामान्य धान 2040 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान 2060 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की गई. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें- यहां घाटे में जा रही थीं चीनी मिले, फिर भी सरकार ने बढ़ा दिए गन्ना के दाम, वजह ही कुछ ऐसी है