Kharif Marketing Season: देश की तमाम मंडियों में धान, दलहन, तिलहन और तमाम खरीफ फसलों की खरीद जारी है. उत्तर भारत के राज्यों में धान की खरीद से नया रिकॉर्ड कायम हो रहा है. हर राज्य से धान खरीदने के बाद सरकार भी लगातार डेटा इकट्ठा करके साझा कर रही हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो देश की तमाम मंडियों में धान की खरीद में करीब 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है. तेजी से धान का उपार्जन किया जा रहा है, इसलिए इस ग्राफ में भी बढ़त का अनुमान है.
फिलहाल किसानों को खुशी है कि उन्हें धान की उपज का सही भाव और सही भुगतान, सही समय पर मिल रहा है. सरकार की ओर से न्यूनतम मूल्य बढ़ाने के बाद अब किसान भी इसी कीमत पर अपनी उपज बेचने में रुचि ले रहे हैं. ज्यादातर राज्य की मंडियों में एमएसपी पर धान की खरीद के बाद 48 घंटों के अंदर किसानों को भुगतान कर रही हैं. इससे किसानों को राहत मिली ही है. साथ ही, सरकार ने भी खाद्यान्न भंडार की सुरक्षा को देखते हुए राहत की सांस ली है.
170 लाख टन से अधिक धान की खरीद
धान की खरीद को लेकर खाद्य मंत्रालय ने 1 नवंबर तक के आंकड़े जारी किए हैं और बताया है कि चालू खरीफ सीजन 2022-23 में सरकारी दुकानों पर 31 अक्टूबर तक धान की खरीद 12 प्रतिशत से बढ़कर 170.53 लाख टन हो गई है. वहीं पिछले साल ये आंकड़ा सिर्फ 152.57 लाख टन धान की खरीद तक ही सीमित था.
एमएसपी पर धान की खरीद को लेकर पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु से काफी अच्छे रुझान सामने आए हैं. इस साल सरकार ने भी 771.25 लाख टन धान की खरीद करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन तेजी से हो रहे धान के उपार्जन से इस लक्ष्य से अधिक धान उपार्जन का अनुमान लगाया जा रहा है. वहीं पिछले मार्केटिंग सीजन में सरकार ने कुल 759.32 लाख टन धान खरीदा था.
पंजाब के किसान हैं सबसे आगे
भारत में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले राज्यों में पंजाब के किसान सबसे आगे है. 1 नवंबर के आकंड़े बताते हैं कि पंजाब के किसानों ने करीब 107.24 लाख टन धान को बेचा है. वहीं पिछले साल 1 नवंबर तक 99.12 लाख टन धान की खरीद हुई थी.
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर हरियाणा का नाम आ रहा है. राज्य ने 1 नवंबर तक 52.26 लाख टन धान खरीद लिया है, जो पिछले साल 48.27 तक सीमित था. अभी भी ये आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. तीसरे नंबर पर तमिलनाडु का नाम आ रहा है. धान के इस प्रमुख उत्पादक राज्य ने 7.90 लाख टन धान खरीद लिया है, जबकि पिछले साल सिर्फ 1 नवंबर तक 1.77 लाख टन धान ही खरीदा गया था.
उत्तर प्रदेश में सामान्य स्तर पर रही धान की खरीद
इस साल उत्तर प्रदेश में मौसम की विपरीत परिस्थितियों का काफी बुरा असर पड़ा है. कई जिलों में धान की फसलें बर्बाद हो गई, जिसके चलते धान का अधिक उत्पादन नहीं मिल पाया. यही कारण है कि अब धान की खरीद को लेकर उत्तर प्रदेश काफी पिछड़ गया है.
इस लिस्ट में हिमाचल का नाम भी शामिल है. उत्तर प्रदेश में धान की बुवानी का रकबा तो अच्छा रहा, लेकिन राज्य में 1 नवंबर तक 33.66 हजार टन धान की खरीद हुई है. पिछले साल राज्य से 83.77 हजार टन धान खरीदा गया था. हिमाचल प्रदेश में भी ये ग्राम काफी गिर गया है. राज्य में 1 नवंबर तक कुल 7.37 हजार टन धान खरीदा गया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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