Paddy Procurement In UP: किसानों को 14000 करोड़ रुपये धान पमेंट करेगी योगी सरकार, ये प्लान तैयार
उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में धान खरीद तेजी से बढ़ेगी. इसके लिए गवर्नमेंट ने पूरी तैयारी कर ली हैं. करीब 14 हजार करोड़ का धान प्रदेश में खरीदा जाएगा
Paddy Purchasing:धान खरीद का सीजन चल रहा है. हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब समेत सभी स्टेट में धान खरीद की कार्रवाई चल रही है. राज्य सरकारों ने पफसलों की एमएसपी तय कर दी है. किसान उसी MSP पर मंडी में अपनी फसल बेच रहे हैं. इससे मंडी में आढ़तियों की मनमानी नहीं चल रही है और सरकार के तय रेट किसानों को मिल रहे हैं. सभी स्टेट गवर्नमेंट की कोशिश है कि किसी भी किसान की फसल बिक्री से न बचें. इसके लिए मंडियों में अधिकारियों को भी अलर्ट कर दिया गया हैै. UTTAR PRADESH में भी धान खरीद की कवायद जोरों पर हैं.
14000 करोड़ का धान खरीदेगी योगी सरकार
उत्तर प्रदेश में खरीफ सीजन 2022-23 चल रहा है. इस सीजन में करीब 14,000 करोड़ रुपये का धान सरकार किसानों से खरीदेगी. एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार के इस कदम से रूरल इकॉनमी में करीब 14 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा. किसानों को पेमेंट मिलने पर उनकी इकॉनमिक कंडीशन सुधरेगी. धान खरीद अक्टूबर से शुरू होकर फरवरी तक चलने की उम्मीद है.
7 मिलियन टन होगी धान खरीद
यूपी सरकार राज्य भर में 7 मिलियन टन (एमटी) धान की खरीद का लक्ष्य तय किया है. सभी 73 जिलों के जिला प्रशासन व एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अपफसरों को निर्देशित कर दिया है. 2022-23 खरीफ सीजन में सामान्य धान के लिए एमएसपी 2,040 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए धान के लिए 2,060 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. यदि सरकार 7 मिलियन टन के अपने खरीद लक्ष्य को प्राप्त कर लेती है. तो सरकार 14 हजार करोड़ रुपये का निवेश रुरल इकॉनमी में कर चुकी होगी.
तेजी से बढ़ेगी धान खरीद
आने वाले हफ्तों में धान की खरीद में तेजी आएगी. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1 नवंबर से धान खरीद शुरू हो गई है. पूर्वी यूपी में यह 1 नवंबर से शुरू हो गई है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को किसानों को समय पर पेमेंट करने के निर्देश दिए हैं. मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी तय है. धान खरीद के लिए स्टेट में 4,000 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं. धान और गेहूं मुख्य रूप से केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसी खरीदती हैं. यूपी में अधिकांश चीनी मिलों का संचालन निजी निजी क्षेत्र द्वारा किया जाता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.