Paddy Procurement in Bihar: देश के ज्यादातर राज्यों में धान की खरीद जोरों पर है. पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश ने किसानों ने रिकॉर्ड स्तर पर धान खरीदा है. साथ ही किसानों को 48 घंटों के अंदर बैंक खातों में ही भुगतान मिल रहा है. इसी कड़ी में बिहार राज्य भी 15 नवंबर से धान की खरीद (Paddy Procurement in Bihar) चालू करने जा रहा है. राज्य में सरकारी स्तर पर धान की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. वहीं अभी तक कुल 2121 किसान धान की खरीद के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं.
धान की खरीद के लिए अनिवार्य पंजीकरण
बिहार कृषि विभाग ने सरकारी स्तर पर धान की खरीद के लिए पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया है. 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान की खरीद के लिए अभी तक 2121 किसानों ने रजिस्ट्रेशन किया है, जिसमें 887 रैयत किसान हैं. इस मामलों में अधिकारियों का कहना है कि धान की खरीद के लिए 15 नवंबर 2022 से 15 फरवरी 2022 तक का समय निर्धारित किया गया है.
किसान चाहें तो बिहार कृषि विभाग Agriculture Department (bihar.gov.in) या बिहार सहकारिता विभाग Cooperative Dept. (bih.nic.in) की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. यहां किसानों को अपना नाम, भूमि से जुड़ी सूचनायें और स्व: जनित घोषणा पत्र जारी करना होगा.
यहां बेचें धान
राज्य में धान की खरीद की प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. अब किसान भी पंचायत स्तर पर पैक्स और प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडलों से संचालित किसी भी खरीद केंद्र पर धान बेच पाएंगे. राज्य में निर्धारित एमएसपी पर ही धान खरीदा जाएगा. बता दें कि साधारण धान की एमएसपी 2040 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि ए ग्रेड धान को 2060 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा. इसके बाद 31 जुलाई 2023 तक ही फोर्टिफाइड चावल (Fortified Rice) को बिहार राज्य खाद्य निगम के गोदाम मे पहुंचाया जाएगा.
100 से 250 क्विंटल तक खरीदा जाएगा धान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार से अभी तक कुल 2121 किसानों ने एमएसपी पर धान बेचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. इनमें 887 रैयात किसान शामिल है. सरकारी निर्देशानुसार, राज्य के रैयात किसानों से 250 क्विंटल तक धान और गैर-रैयत किसानों से 100 क्विंटल तक धान की खरीद की जाएगी. वहीं खरीदे गये धान के लिए किसानों को सीधा पीएफएमएस के माध्यम से 48 घंटे के अंदर सीधा बैंक खातों में भुगतान मिल जाएगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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