Gobar colour paint in chhattisgarh: केंद्र और राज्य सरकार किसान, महिलाओं को उन्नत बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. देश के कई राज्यों में आदिवासी महिलाएं निवास करती हैं. केंद्र और राज्य सरकारें उन्हें भी मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रही है. छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल राज्य है. यहां महिला-पुरूष खेती किसानी पर अधिक निर्भर होते हैं. लेकिन अब छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाएं दो कदम आगे बढ़कर विकास कर रही है. 


छत्तीसगढ़ में महिलाएं बना रही गोबर से पेंट
छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग और प्रेरणा से आदिवासी महिलाएं आगे बढ़ रही हैं. यहां आदिवासी महिलाओं का समूह गोबर से प्राकृतिक पेंट बना रहा है. कांकेर जिले के वनांचल के गांव सराधु नवागांव के गौठान में स्व-सहायता समूह की महिलाएं ये काम करने में लगी हुई हैं. पेंट बनाने का काम तेज चल रहा है, साथ ही बाजार में भी इसकी खपत बढ़ गई है. 


5000 लीटर से अधिक पेंट का किया उत्पादन
आदिवासी महिलाओं का समूह गोबर से प्राकृतिक पेंट बना रहा है और उन्हें बेच भी रहा है. बहुत कम समय में महिलाओं ने 5000 लीटर से अधिक पेंट बना लिया है और उसे बाजार में बेच भी दिया है. महिलाओं के पेंट बनाने की तकनीक के बारे में जानकारी लेने के लिए आसपास के जिलों से भी लोग पहुंच रहे हैंं.  


नामी पेंट से 40 प्रतिशत तक कम है कीमत
बाजार में जब भी आप पेंट खरीदने के लिए जाते होंगे तो बेहद महंगे पेंट देखे होंगे. लेकिन महिलाओ ंका समूह जो पेंट बना रहा है. उसकी कीमत बाजार के प्रीमियम क्वालिटी के पेंट की तुलना में करीब 40 प्रतिशत तक कम है. इसकी विशेषता की बात करें तो यह एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल, इको-फ्रेंडली, नॉन टॉक्सिक है.


सरकारी भवनों की होगी इसी पेंट की पुताई
महिलाओं ने गोबर से जो पेंट बनाया है. वह बेहद सस्ता, इको-फ्रेंडली है. छत्तीसगढ़ सरकार गोबर के पेंट के प्रोत्साहन की दिशा में काम कर रही है. राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी भवनों को गोबर पेंट से पुताई करने का आदेश जारी किया है यानि राज्य में बने शासकीय भवनों की पुताई इसी तरह के पेंट से होगी.  


 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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