Chilli Cultivation: पहले सूखा, फिर बाढ़ और बाद में आई बारिश ने भारत में ही फसल को नुकसान नहीं पहुंचाया. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी इसी आपदा से कराह रहा है. पाकिस्तान की प्रसिद्ध लाल मिर्च वहां पड़ी बारिश और बाढ़ के कारण तबाह हो गई है. भारत से भी पाकिस्तान का लाल मिर्च का कारोबार होता है. अन्य देशों को भी पाकिस्तान लाल मिर्च भेजता है. इसी कारण मिर्च के दामों में तेजी देखने को मिल सकती है. 


मिर्च की राजधानी में सबसे ज्यादा नुकसान


दक्षिण पाकिस्तानी के शहर कुनरी को एशिया की मिर्च राजधानी के रूप में जाना जाता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कई वर्षों से तापमान में हो रही बढ़ोतरी के कारण पाकिस्तान में मिर्च की फसल को काफी नुकसान हो रहा है. इस साल गर्मी के साथ बारिश अधिक होने के कारण बाढ़ के हालात बन गए. इससे मिर्च की फसल बर्बाद हो गई है. पाकिस्तान के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने पहले ही बाढ़ से 40 अरब डॉलर से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया है.


पाकिस्तानी इकॉनमी की रीढ़ है मिर्च


मिर्च पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 150,000 एकड़ (60,700 हेक्टेयर) खेतों में सालाना 143,000 टन का मिर्च उत्पादन होता है. इतनी अधिक पैदावार होने के कारण पाकिस्तान मिर्च उत्पादन में दुनिया में चौथे स्थान पर हैं. 


कुर्बान कर दी कपास की फसल


पाकिस्तान के कृषि अनुसंधान परिषद के विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले तीन सालों मेें गर्मी ने मिर्च की पफसलों को नुकसान पहुंचाया है. इससे फसलों में रोग बढ़ते चले गए. फसल की पैदावार तेजी से घट गई. कुछ महीने पहले बाढ़ के कारण खेतों में पानी भर गया है. इससे भी मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचा है. स्थानीय लोगों के अनुसार, मिर्च की फसल को जिंदा करने के लिए कपास की फसल कुर्बान कर दी है. मिर्च की पफसल को बचाने के लिए कपास के खेतों के चारों ओर बांध बनाए. पंप स्थापित किए. दोनों फसलों का उत्पादन साथ साथ होता है. इसलिए किसानों ने कपास को नष्ट कर मिर्च बचाने का निर्णय लिया. बावजूद इसके महज 30 परसेंट तक मिर्च ही बच सकी है. मिर्च मंडी में पिछले साल 8,000 से 10,000 बोरी हुआ करती थी. इस साल महज 2000 रह गई हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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