Subsidy on Papaya Cultivation: भारत में पपीता की खेती (Papaya Farming in India) बड़े पैमाने पर की जाती है, ताकि देश और दुनिया की जरूरतों को पूरा किया जा सके. बता दें कि यह फल सौ मर्जों के एक सिंगल इलाज है, जो आयुर्वेदिक दवाई (Herbal Fruit) के साथ किसानों के लिये कमाई का भी बेहतरीन स्रोत है. इसकी खेती तमिलनाडु, बिहार, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तरांचल और मिजोरम आदि राज्यों में की जा रही है.


इस फल से किसानों के साथ-साथ नक्सल प्रभावित इलाके और आदिवासी समाज की तस्वीर ही बदलकर रख दी है. इस चमत्कारी फल के चौतरफा फायदों को देखते हुये अब किसानों को भी इसकी खेती के लिये प्रोत्साहित (Papaya Cultivation in Bihar) किया जा रहा है. जानकारी के लिये बता दें कि बिहार राज्य सरकार भी पपीता की खेती के लिये 75 फीसदी तक अनुदान (Subsidy on Papaya Cultivation) दे रही है. 


पपीता की खेती पर सब्सिडी
बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय (Bihar Agriculture, Horticulture Directorate) द्वारा जारी एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत राज्य के किसानों को पपीता की खेती के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है.


इसके लिये बिहार राज्य की सरकार की तरफ से किसानों को 75 फीसदी तक अनुदान का प्रावधान है. बता दें कि कम से कम प्रति हेक्टेयर खेत में पपीता की फसल (Papaya Crop) लगाने पर 60,000 रुपये की इकाई लागत के आधार पर 75% सब्सिडी का लाभ दिया जायेगा. 






यहां करें आवेदन
बिहार राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना  (Integrated Horticulture Development Mission, MIDH) के तहत पपीपा की खेती पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिये ऑफिशियल वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.



  • किसान चाहें तो पपीता की खेती, किस्में और सही तकनीक के साथ-साथ सब्सिडी (Subsidy on Papaya Cultivation) की जानकारी के लिये नजदीकी जिले में स्थित उद्यान विभाग के कार्यालय या सहायक निदेशक, उद्यान से संपर्क कर सकते हैं.


इस तरह करें पपीता की खेती
पपीता के खेतों से हर सीजन में 40 किलोग्राम प्रति पेड़ के हिसाब से उत्पादन (Papaya Production) ले सकते हैं. एक हेक्टेयर खेत में पपीता के 2250 पौधे लगाये जाते हैं, जिनसे हर सीजन में करीब 900 क्विंटल फलों का उत्पादन (Papaya Yield) मिल जाता है. इस खेती से ऑफ सीजन (Off Season Farming of Papaya) में मटर, मेथी, चना, फ्रेंचबीन्स और सोयाबीन जैसी सब्जी और दलहनी फसलों की खेती (Co-cropping of Papaya) करके आराम से लाखों की आमदनी  कमा सकते हैं.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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