25-300 रुपये में दुधारु पशुओं का करवाएं बीमा, नुकसान हुआ तो 88,000 रुपये देगी सरकार, ऐसे करें आवेदन
Pashudhan Beema Yojana के तहत 25 से लेकर 300 रुपये में अपने दुधारु पशु का बीमा करवा सकते हैं, जिसके बाद पशु की दुर्घटनावश या आकस्मित मौत के बाद 88,000 रुपये तक का मुआवजा दिया जाता है.
National Livestock Scheme: किसानों की असली जमापूंजी उनके पशु ही होते हैं. खासतौर पर भारत में खेती-किसानी से अतिरिक्त आमदनी कमाने के लिए कई गांव में गाय, भैंस, बकरी जैसे दुधारु पशु पालने का चलन है. इनसे मिले दूध उत्पादन से किसान परिवारों की आजीवनिका चलती है, लेकिन कभी-कभी पशुओं की आकस्मिक मौसम के चलते पशुपालक-किसानों को नुकसान हो जाता है. महंगाई के दौर में जब मवेशियों के दाम भी बढ़ गए हैं तो ऐसे में अच्छी नस्ल का मवेशी खरीदना मुश्किल हो जाता है. यही वजह है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर पशुधन बीमा योजना जैसी स्कीम चला रही हैं.
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत आने वाले पशुधन बीमा योजना के तहत 25 से लेकर 300 रुपये में अपने दुधारु पशु का बीमा करवा सकते हैं. इस बीच यदि दुधारु पशु की आकस्मिक मौत हो जाए तो सरकार 88,000 रुपये तक का मुआवजा भी देती है. इन दिनों पशुओं पर मंडरा रहे लंपी त्वचा रोग के जानलेवा संक्रमण के बीच दुधारु पशुओं का बीमा करवाने के लिए यह एक शानदार स्कीम है. इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि कैसे इस बीमा योजना का लाभ लेकर आप भी अपना और अपने पशुओं का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं.
इन पशुओं का करवाएं बीमा
नेशनल लाइवस्टॉक मिशन के तहत पशुधन बीमा योजना के लिए कई राज्यों में कवर किया गया है. उनमें से एक हरियाणा भी है, जहां दुधारु नस्ल के पशुओं से लेकर हर तरह के मवेशी का बीमा करवा सकते हैं. पशुओं का बीमा दो तरीके से किया जाता है.
- पशुधन बीमा योजना में छोटे पशुओं और बड़े पशुओं का अलग-अलग तरीके से बीमा किया जाता है.
- बड़े पशुओं में गाय, भैंस, सांड, झोटा (प्रजनन के लिए), घोड़ा, ऊंट, गधा, खच्चर और बैल आती हैं.
- वहीं छोटे पशुओं में बकरी, भेड़, सूअर और खरगोश शामिल है.
- कोई भी किसान परिवार कम से कम 5 पशुओं की यूनिट का बीमा करवा सकते हैं.
- छोटे पशुओं की एक यूनिट में 10 छोटे पशु और बड़े पशुओं की एक यूनिट में 1 ही बड़ा दुधारू पशु होता है.
- गौशालाओं को भी पशुधन बीमा योजना से जोड़ा गया है, जिसके तहत 5 पशुओं का बीमा करवा सकते हैं.
यहां जानें पशु बीमा का प्रीमियम
एससी-एसटी पशुपालकों के लिए पशुओं की बीमा एक दम निशुल्क होता है, हालांकि अन्य वर्ग को पशुपालकों को बीमा करवाने के लिए हर साल 100/200/300 रुपये प्रति पशु के हिसाब से भुगतान करना होता है. बीमा के प्रीमियम की रकम पशु के दूध देने की क्षमता पर आधारित होती है. उदाहरण के लिए बकरी, भेड़, सूअर और खरगोश जैसे छोटे पशुओं का बीमा सिर्फ 25 रुपये प्रति पशु के सालाना प्रीमियम पर करवा सकते हैं. इस स्कीम की सबसे खास बात है कि प्रीमियम का एक हिस्सा किसान-पशुपालकों को, जबकि एक हिस्सा केंद्र और राज्य सरकार मिलकर वहन करती हैं. इस तरह ना बीमा का प्रीमियम किसानों पर भारी पड़ता है और पशु हानि होने पर बड़े नुकसान से भी बच सकते हैं.
कब मिलेगा पशुओं के बीमा का कवरेज
पशुधन बीमा योजना के नियमों के मुताबिक, यदि बीमित पशु की आकस्मित या दुर्घटनावश मौत हो जाए तो बीमा राशि का भुगतान मिल जाता है, हालांकि इस बीच कुछ शर्तें भी हैं.
- पशुओं का बीमा करवाने के 21 दिन तक ही दुर्घटना के चलते हुई मौत के लिए बीमा कवरेज मिलता है.
- इसके बाद दुर्घटना के लिए कवरजे नहीं मिलेगा. इस कवरेज के लिए पुलिस को दुर्घटना की जानकारी होनी चाहिए.
- वहीं बीमा करवाने के 21 दिन बाद पशु की लंपी जैसी बीमारी या अन्य कारणों से आकस्मिक मृत्यु हो जाए, तो ही कवरेज मिलता है.
- पशुधन बीमा योजना के नियमों के मुताबिक, पशुधन की चोरी होने पर कोई कवरेज नहीं मिलता.
कितना मिलेगा बीमा कवरेज
पशुधन बीमा योजना के तहत हर तरह के पशु के लिए अलग-अलग बीमा क्लेम की राशि निर्धारित की गई है.
- गाय के लिए 83,000 रुपये का बीमा क्लेम
- भैंस के लिए 88,000 रुपये का बीमा क्लेम
- मालवाहक जानवरों के लिए भी 50000 रुपये का बीमा क्लेम
- बकरी, भेड़, सूअर, खरगोश जैसे छोटे पशुओं के लिए 10000 रुपये तक का बीमा क्लेम (नियम और शर्तें लागू) का प्रावधान है.
अपने पशुओं का बीमा करवाने के लिए नजदीकी जिले के पशुपालन विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय की ऑफिशियल साइट Department of Animal Husbandry & Dairying | Government of India (dahd.nic.in) पर भी विजिट कर अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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