क्या अपने कभी सुना है कि किसी को खाने में कंकड़ पत्थर दिया जाता हो, खाने में अगर छोटा सा भी कंकड़ निकल जाता है तो इंसान उस खाने को खा नहीं पाता...लेकिन मुर्गियों (Chickens) को हर रोज उनके खाने में कंकड़ मिला कर खिलाया जाता है. चलिए समझते हैं कि इसके पीछे की साइंस क्या है. मुर्गी पालने वालों का कहना है कि वो ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि ऐसा करने से मुर्गियों के अंडे पर एक खास असर पड़ता है.
क्यों खिलाया जाता है मुर्गियों को कंकड़
मुर्गी पालने वाले लोगों का इसे लेकर कहना है कि मुर्गियों को दाने के साथ कंकड़ इसलिए खिलाया जाता है क्योंकि इसे खाने से मुर्गियों के अंडे मजबूत होते हैं. खाने के साथ कंकड़ खाने पर मुर्गियां हेल्दी और फिट होती हैं. जानकार कहते हैं कि इसे खाने के बाद जब मुर्गियां अंडा देती हैं तो इनके टूटने का खतरा भी बहुत कम हो जाता है और अंडा आसानी से नहीं टूटता है. यही वजह है कि मुर्गी व्यवसाय से जुड़े लोग अपनी मुर्गियों को कंकड़ खिलाते हैं.
किस तरह का कंकड़ खिलाया जाता है
मुर्गियों का कारोबार करने वाले लोग बताते हैं कि कंकड़ खिलाने की वजह से अंडे का बाहरी सेल काफी मजबूत हो जाता है, जिसकी वजह से अंडा आसानी से टूटता नहीं है. आपको बता दें, मुर्गियों को सड़क बनाने में इस्तेमाल होने वाली ग्रे कलर की गिट्टी दानों के साथ खिलाई जाती है. हालांकि, ये गिट्टी एक दम खड़ी गिट्टी को पीस लिया जाता है और बाद में उसे भोजन के रूप में मुर्गियों को दिया जाता है.
अंडे के लिए और क्या किया जाता है
अंडे का कारोबार पूरी दुनिया में होता है. इस कारोबार से दुनियाभर में लाखों लोग जुड़े हैं. अंडे के कारोबार में सबसे ज्यादा रिस्क होता है अंडों के टूटने का...इसलिए इन्हे मजबूत बनाने के लिए मुर्गीपालन का काम करने वाले लोग हर कोशिश करते हैं. यही वजह है कि अंडे को मजबूत बनाने के लिए मुर्गियों को कैल्शियम की गोली दी जाती है. हालांकि, चिकित्सकों का कहना है कि मुर्गियों को कैल्सियम की अधिक डोज नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इसके कई साइड इफेक्ट भी काफी होते हैं.
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