भारत की ज्यादातर ग्रामीण आबादी खेती के सहारे जीती है. हालांकि, पारंपरिक फसलों और खेती के तरीकों की वजह से उनको उतनी आमदनी नहीं हो पाती जितने में वो एक अच्छी जिंदगी जी सकें. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, भारत के किसानों को अगर समृद्ध बनना है तो उन्हें पारंपरिक फसलों से ऊपर उठ कर नए प्रयोग करने होंगे. खास तौर से उन फसलों पर फोकस करना होगा जिनकी डिमांड ज्यादा है और जो आसानी से उगाई जा सकें. आज हम आपको एक ऐसी ही फसल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी खेती कर के आप लाखों रुपये बड़े आराम से बना सकते हैं.
अनानास यानी पाइनएप्पल की खेती
हिंदी में जिसे आनानास कहते हैं, शहरी लोग उसे अंग्रेजी में पाइनएप्पल बोलते हैं. यह फसल मूल रूप से भारतीय तो नहीं है, लेकिन भारतीय बाजार में इसकी डिमांड हमेशा रहती है. इस फल के अंदर कई ऐसे गुण मौजूद हैं, जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद साबित होते हैं. सबसे अच्छी बात की भारतीय किसान बड़ी आसानी से इसकी खेती कर सकते हैं और हर साल लाखों का मुनाफा बना सकते हैं.
कब होती है पाइनएप्पल की खेती
पाइनएप्पल की खेती (Pineapple Farming) गर्मी में होती है. मई से लेकर जुलाई तक का समय इसकी रोपाई के लिए सबसे बेस्ट होता है. यह फल कैक्टस की एक प्रजाति है जो बड़े चाव से खाया जाता है. आज के समय में अगर भारत की बात करें को देश में लगभग 92 हजार हेक्टेयर में अनानास की खेती हो रही है. जबकि टन में देखें तो 14.96 टन अनानास की उपज देश में हर साल होती है.
कितने समय में तैयार होती है फसल
अनानास की फसल को बुआई से पकने में लगभग 18 से 20 महीने लगते हैं. लेकिन इससे इतना ज्यादा मुनाफा मिल जाता है कि आपको लागत और समय के बारे में सोचना नहीं पड़ता. केरल जैसे राज्यों में तो किसान इस फसल की खेती पूरे साल करते हैं. वहीं अगल उत्तर भारत की बात करें तो यहां के लिए ये फसल सबसे अच्छा है. दरअसल अनानास की फसल को अन्य फसलों के मुकाबले कम पानी की जरूरत होती है.
इसके साथ ही इसका रखरखाव भी बेहद आसानी से हो जाता है. कांटेदार होने की वजह से जानवर भी इस फसल को जल्दी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. इस वक्त भारत के आंध्र प्रदेश, केरल, त्रिपुरा, मिजोरम, पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों में अनानास की खेती खूब हो रही है. उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार जैसे राज्यों के किसान भी अब इसल फसल में दिलचस्पी लेने लगे हैं.
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