गमले में लगाएं ये दो पौधे, कोरोना वायरस का नया वेरिएंट पूरे परिवार से रहेगा दूर
गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण होने के साथ ही, आयरन, फॉस्फोरस, कॉपर, कैल्शियम, जिंक, मैगनीज जैसे पोषक तत्व भी होते हैं.
कोरोना वायरस का कहर फिर से पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ने लगा है. चीन, जापान, अमेरिका समेत पूरी दुनिया में लगातार इसके मामले बढ़ रहे हैं. चीन से तो ऐसी डरा देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं जिन्हें देख कर हर कोई हैरान है. वहां कोरोना के नए वेरीएंट से हो रही मौतों के आंकड़े भी लोगों को सदमे में डाल रहे हैं. ऐसे में भारत में रहने वाले लोगों को भी सतर्क हो जाना चाहिए, उन्हें अभी से उन चीजों पर ध्यान देना चाहिए, जो कोरोना को उनसे दूर रखें. आज हम आपको बताएंगे कि आप अपने घर के गमले में ऐसे कौन से दो पौधे लगाएं, जिनसे कोरोना आपके परिवार से दूर रहेगा.
गिलोय का पौधा कैसे लगाएं
गिलोय को आयुर्वेद में एक औषधीय पौधा कहा गया है. कहते हैं अगर इसका रोजाना नियमित रूप से सेवन किया जाए तो यह आपके शरीर को कई बीमारियों से दूर रखेगा. गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण होने के साथ ही, आयरन, फॉस्फोरस, कॉपर, कैल्शियम, जिंक, मैगनीज जैसे पोषक तत्व भी होते हैं. आप गिलोय को अपने घर में एक गमले में भी उगा सकते हैं. घर में गिलोय का पौधा लगाने के लिए आपको बस एक 12 इंच का गमला चाहिए, अब भुरभुरी मिट्टी और बालू के साथ जैविक खाद मिला कर इसे गमले में भर दें. आप चाहें तो इसमें गिलोय का बीज भी लगा सकते हैं और चाहें तो गिलोय की कटी टहनी से भी ये पौधा उगा सकते हैं. बस एक बात का ख्याल रखना है कि इसे ज्यादा पानी नहीं देना है. इसके गमले में पानी सिर्फ इतना डालें जिससे इसकी नमी बरकरार रहे.
गिलोय का इस्तेमाल
आपको याद होगा जब पहली बार कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी और हमारे पास वैक्सीन नहीं थी तो हम गिलोय और अन्य आयुर्वेदिक औषधीय पौधों की ही मदद से अपनी इम्युनिटी बूस्ट कर रहे थे. हालांकि, उस दौरान कई लोगों को गिलोय नहीं मिल पा रहा था. जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. अगर आप अभी से गिलोय का पौधा अपने घर में लगा लेते हैं तो आपको पिछली बार की तरह समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा. आप गिलोय के तने और उसकी पत्तियों, दोनों का इस्तेमाल कर सकते हैं. आप चाहें तो इनका काढ़ा बना के पीएं, या सुबह उठ कर सबसे पहले एक गिलोय का पत्ता खा लें. दोनों आपके लिए फायदेमंद हैं.
आजवाइन का पौधा
आजवाइन का पौधा गमले में लगाने के लिए आपको सबसे पहले एक 12 से 15 इंच का गमला चाहिए. यह मिट्टी और प्लास्टिक दोनों में लग सकता है. गमलें में आपको भुरभुरी मिट्टी में जैविक खाद अच्छी तरह से मिलाकर इसे गमले में भर देना है. अब आपको इसमें दो चुटकी आजवाइन छिड़क देनी है और इसे एक सूती कपड़े से ढक देना है. ध्यान रहे कि इस गमले में सिर्फ पानी का छिड़काव करना है इसे पानी से पूरी तरह से भर नहीं देना है. कुछ ही दिनों में आपके गमले में आजवाइन का पौधा दिखने लग जाएगा.
अजवाइन के फायदे
अजवाइन अक्सर हमारे किचन में मिल जाता है. ज्यादातर इसका इस्तेमाल पराठा या फिर कचौड़ी बनाने के लिए किया जाता है. लेकिन यह एक ऐसी चीज है जो आपको कोरोना से भी दूर रख सकती है. आजवाइन के अंदर आयरन, सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम पाया जाता है. इसके साथ ही इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटीकैंसर, एंटीबायोटिक और एंटी-इन्फ्लैमेटरी के गुण पाए जाते हैं, जो आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
इसकी तासीर बेहद गर्म होती है. इसलिए कई बार खांसी और जुखाम में भी इसका प्रोयग करते हैं. अगर आप अपने घर के गमले में आजवाइन का पौधा लगा लें, तो इसकी पत्तियों का सूप और सलाद में इनका इस्तेमाल कर अपनी इम्युनिटी मजबूत कर सकते हैं. हालांकि, इनकी पत्तियों की पकौड़ी भी बेहद शानदार बनती है, लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से इसका सूप या काढ़ा ही सबसे बेहतर होता है.
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