Anamika variety Of Paddy: भारत में धान (Paddy) को खरीफ सीजन (Kharif Season) की प्रमुख फसल कहते हैं, मानसून के दौरान इसकी बुवाई करने पर अच्छा उत्पादन मिलता है. फिलहाल कई राज्यों में किसान इसकी खेती के लिये रोपाई और नर्सरी (Paddy Nursery) का काम कर रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि वे धान की उन्नत और अधिक पैदावार वाली किस्मों (Advanced Variety of Paddy) की बुवाई करें, जिससे फसल में कीड़े, बीमारियां और खरपतवार जैसे जोखिमों की संभावना कम रहे. भारत में मिट्टी और जलवायु के हिसाब से धान की करीब 1200 किस्में पाई जाती है, जिसमें प्रमुख तौर पर 128 किस्मों की खेती की जाती है, इसमें जया धान (Jaya Paddy), बासमती-370 (Basmati-370), पूसा सुगंध 3 (Pusa Sugandh 3), मकराम (Makram), डीआरआर 310, हाइब्रिड -620, पीएचबी -71, एनडीआर- 359,सीएसआर-10 आईआर 64 और अनामिका (Anamika Paddy) आदि शामिल है.
अनामिका धान की खेती (Anamika Paddy Cultivation)
भारत में अनामिका धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. धान की ये उन्नत किस्म रोपाई के 145-150 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. धान की दूसरी किस्मों के मुकाबले अनामिका धान को बंपर उपज देने वाली धान की किस्म कहते हैं, जिसके दाने मोटे और लंबे होते हैं. धान की ये किस्म पश्चिम बंगाल बिहार, उड़ीसा और असम के किसानों की पहली पसंद है.
बरतें ये सावधानियां
वैसे तो अनामिका धान एक उन्नत किस्म (Advanced Variety Anamika Paddy)है, लेकिन इसकी खेती में जोखिमों को कम करने के लिये शुरुआत से आखिर तक कई सावधानियां बरतने की जरूरत होती है.
- खेत की तैयारी करते समय गहरी जुताईयां करें, जिससे बाद में खरपतवारों (Weed Management) की संभावना न रहें.
- बीजों की बुवाई बीजोपचार के बाद ही करें, इसके लिये थीरम और कार्बेंडाजिम का इस्तेमाल करें.
- रोपाई के बाद खेच में निराई-गुड़ाई और निगरानी करते रहें, जिससे समय पर कीड़े और बीमारियों के लक्षण (Symptoms in Paddy) पहचाने जा सके.
- बेहतर उत्पादन के लिये फसल में जैविक खाद, उर्वरक और अजोला (Azolla)और जीवामृत (Jeevamrit) जैसे जैविक एंजाइम्स (Organic Fertilizer) का प्रयोग करें.
- कीट और रोगों के नियंत्रण के लिये नीम(Neem Pesticide) से बने प्राकृतिक कीट नाशक (Organic Pesticides) का प्रयोग रखें.
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