PM Kisan: पिछले कई सालों से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना देश के छोटे किसानों को आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान कर रही है. इस योजना के तहत 2.25 लाख करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि डायरेक्ट लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में पहुंचाई जा चुकी है, जिससे किसानों को खेती-किसानी से जुड़े छोटे-मोटे खर्चे को निपटाने में खास मदद मिली है. पीएम किसान योजना के तहत अभी तक लाभार्थी किसानों को दो-दो हजार रुपये की 12 किस्तें ट्रांसफर की जा चुकी है. इस योजना को अब 50 महीने पूरे होने वाले हैं. यही वजह है कि 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले नए बजट में पीएम किसान योजना से जुड़ी कोई बड़ी घोषणा होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं.
दूसरी तरफ किसान किसान उत्पादक संगठन और विशेषज्ञ भी सम्मान निधि की सालाना 6,000 रुपये की सहायता राशि को बढ़ाकर 8,000 रुपये करने की मांग कर रहे हैं. कई लोग इसे राजनीति और चुनावों से जोड़कर भी देख रहे हैं, हालांकि पीएम किसान का पैसा बढ़ाने के लिए शासन-प्रशासन में रह चुके बड़ी हस्तियों ने भी केंद्र सरकार को कई सुझाव पेश किए हैं.
क्या सच में बढ़ जाएगी सम्मान निधि की राशि?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभार्थी किसानों को सालाना 6,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. यह रकम दो-दो हजार रुपये की 3 किस्तों में किसानों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की जाती है. इसमें बिचौलियों का कोई रोल नहीं होता.
पीएम किसान योजना में वेरिफिकेशन की प्रक्रिया जारी है, जिसके तहत अयोग्य किसानों को स्कीम से हटाया जा रहा है. अभी तक 1.86 करोड़ अयोग्य किसानों को योजना से हटा दिया गया है, जिसके बाद 8.5 करोड़ लाभार्थी किसान ही बाकी हैं. कई राज्यों से लाखों किसान अपात्र मिले हैं, जिन्हें हटाकर लाभार्थी सूची अपडेट की जा रही है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब 11 करोड़ किसानों की संख्या घटकर 8.5 करोड़ ही रह गई है तो ऐसे में पीएम किसान योजना में 54,000 करोड रुपये ही खर्च होंगे और बजट की बचत होगी. ऐसे में सरकार चाहे तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवंटित पुराने बजट से 75,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल करके लाभार्थी किसानों को 2,000 रुपये और बढ़ाकर दे सकती है.
इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है, लेकिन किसानों से लेकर कृषि क्षेत्र से जुड़े जानकारों की उम्मीद 1 जनवरी को पेश होने वाले आम बजट से जुड़ी हुई हैं.
शासन प्रशासन के लोगों ने भी दिए सुझाव
महंगाई का यह दौर किसानों के लिए कहीं ज्यादा मुश्किलों से भरा होता है, क्योंकि किसान ही अन्न उपजाता है. खेत की तैयारी से लेकर खाद, बीज, उर्वरक, कीटनाशक से लेकर सिंचाई,कटाई, उपज की बिक्री या भंडारण तक किसानों का काफी पैसा खर्च हो जाता है.
कई किसानों की आजीविका पूरी तरह खेती पर निर्भर करती है. ऐसे में इन सभी खर्चों को तुरंत पूरा कर पाना आसान नहीं होता. खासतौर पर छोटे किसानों को खएती और व्यक्तिगत खर्चे पूरी करने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. खेती की लागत भी बढ़ती जा रही है.
यही वजह है कि सम्मान निधि की राशि को बढ़ाने की लगातार मांग चल रही है. इन रुझानों के बीच शासन-प्रशासन के कई लोगों ने अपनी राय पेश की है.
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चीफ इकोनामिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष अपने शोध पत्र में पीएम किसान का पैसा 6,000 रुपये से बढ़ाकर अगले 5 साल में 8,000 रुपये करने की आवश्यकता पर फोकस किया है.
- एम.स्वामीनाथन की लीडरशिप वाला स्वामीनाथन फाउंडेशन भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 6,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति वर्ष करने की मांग रख चुका है.
- राष्ट्रीय किसान प्रोग्रेसिव एसोसिएशन के अध्यक्ष और केंद्र सरकार की एमएसपी कमेटी में सदस्य विनोद आनंद भी पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा बढ़ाकर 24,000 रुपये करने का सुझाव पेश कर चुके हैं.
- देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी पीएम किसान योजना की प्रोत्साहन राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने का सुझाव दिया है.
- पूर्व कृषि मंत्री सोमपाल शास्त्री ने सब्सिडी योजना में खर्च करने के बजाय पीएम किसान योजना का एकमुश्त भुगतान करने की सलाह दी है.
कैसे शुरू हुई पीएम किसान सम्मान निधि योजना
जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए सरकार ने 75,000 रुपये खर्च करने की घोषणा की थी. सरकार को पूरी उम्मीद थी कि इस योजना से करीब 12.5 करोड़ किसानों को लाभ होगा, लेकिन अभी तक लाभार्थी किसानों की संख्या 11 करोड़ से ज्यादा हो ही नहीं पाई, इसीलिए सरकार ने पीएम किसान योजना के बजट में से 10,000 करोड़ रुपये घटाकर 65,000 करोड़ रुपये निर्धारित कर दिया, क्योंकि इस योजना की शर्तों और नियमों के मुताबिक 2 हेक्टेयर या उससे कम जमीन वाले छोटे किसान ही पात्र हैं. वहीं देश के ज्यादातर किसान भूमिहीन और बड़ी जमीन वाले हैं.आंकड़ों की मानें तो पीएम किसान योजना के तहत 2020-21 में किसानों के खाते में सबसे ज्यादा प्रोत्साहन राशि 61,091 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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