PM Kisan Samman Nidhi Yojana से करीब 1.86 करोड किसानों को बाहर कर दिया गया है. 11वीं किस्त के बाद से ही किसानों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गई है, जहां 11.45 करोड़ किसानों को 11वीं किस्त के 2,000 रुपये बैंक ट्रांसफर किए गए थे. वहीं 12वीं किस्त तक इन किसानों की संख्या घटकर 8.58 करोड़ ही रह गई है. ई-केवाईसी और लैंड रिकॉर्ड्स का वेरिफिकेशन करवाने पर लगातार किसानों की छंटनी हो रही है. इस बीच हरियाणा से भी 57,000 किसानों की पहचान गैर-लाभार्थी के तौर पर हुई है, जो स्कीम के लिए अयोग्य होने के बावजूद 76 करोड़ रुपये की रकम दबाए बैठे हैं. राज्य सरकार ने इन किसानों को नोटिस भी जारी किया है. इसके बावजूद आधे किसान भी अभी तक पैसा नहीं लौटा पाए हैं.


सरकार ने पकड़े 57 हजार से अधिक किसान
मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि हरियाणा में इनकम टैक्स भरने वाले किसान भी 2,000 रुपये की किस्तें उठा रहे थे. इस तरह की गतिविधियों में शामिल करीब 57 हजार 534 किसानों को कृषि विभाग ने बहुत पहले ही नोटिस जारी कर दिया था, लेकिन किसानों ने इस नोटिस का ना तो कोई जबाव दिया और ना ही इस पर अमल किया.


चंद किसानों ने ईमानदारी से पैसा वापस किया है, लेकिन बड़ी तादात में गैर-लाभार्थियों से पैसा वसूलना बाकी है. आकंड़ों से पता चला है कि हरियाणा से पीएम किसान योजना में पंजीकृत अयोग्य किसानों की संख्या सबसे ज्यादा है.


इस जिले में करीब 2,569 किसान ऐसे हैं, जिन्हें नोटिस जारी करके पैसा लौटाने को कहा गया है.वहीं पलवल जिले के भी 2445 किसानों से किस्तें वापस होनी है. ये सभी किसान इनकम टैक्स भरने के बावजूद सम्मान निधि की किस्तों का लाभ उठा रहे थे.


इन जिलों में मिले फर्जी किसान
रोहतक और पलवल के बाद नूंह में सबसे ज्यादा फर्जीवाडा सामने आया. यहां के 1,307 किसानों ने गलत तरीके से सम्मान निधि का लाभ लिया, जिसमें से सिर्फ 2 किसानों ने ईमानदारी से पैसा लौटा दिया है, जबकि 1305 किसानों से अभी वसूली होनी बाकी है. 



  • पानीपत में 2201 किसान गैर-लाभार्थी पाए गए, जिनमें से 7 किसानों ने पैसा लौटा दिया, लेकिन 2194 इनकम टैक्स भरने वाले किसानों ने अभी तक रिफंड नहीं किया है. 

  • हिसार में 3528 किसान अयोग्य घोषित किए गए हैं, जिनमें से 11 किसानों से पैसा वापसी हो चुकी है, जबकि 3517 लोग अभी भी चुप्पी साधे बैठे हैं. 

  • चरखी दादरी में 1568 किसान मिले हैं, जिनमें से 14 किसानों से पैसा वापसी हुई है, जबकि 1554 किसानों से अभी 2,000 रुपये की किस्तों की वसूली बाकी है.


क्या है पीएम किसान योजना के नियम
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के नियमानुसार 2 हेक्टेयर या उससे कम जमीन पर खेती करने वाले किसान ही 2,000 रुपये की किस्तों के असली हकदार है. वो किसान, जिनकी आय का जरिया सिर्फ खेती है और आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं, जबकि पिछले कुछ महीनों में अलग ही कहानी सामने आई है. इस स्कीम से इनकम टैक्स भरने वाले किसान भी लाभान्वित हुए हैं.


इस योजना के नियमावली में साफ-साफ लिखा है कि खुद की जमीन पर खेती करने वाले छोटे किसानों को ही इस स्कीम का लाभ मिलता है. यदि खेती के साथ-साथ टैक्स भरते हैं, सरकारी नौकरी करते हैं, संवैधानिक पदों पर कार्यरत है, डॉक्टर, वकील, इंजीनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंट है, तो इस योजना के पात्र नहीं है. इस स्कीम में 10,000 से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी नहीं जोड़ा गया है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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