PM Kisan Nidhi 13th Installment: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 12 वीं किस्त किसानों के खाते में पहुंच चुकी है. किसान अब 13 वीं किस्त पाने के लिए जुट गए हैं. इसके लिए e-KYC कराने के साथ किसान खातेे की अपडेट के लिए बैंक के चक्कर काट रहे हैं. जिन किसानों के खाते में धनराशि नही ंपहुंची है. वह भी जानकारी के लिए एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट जा रहे हैं. एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अफसरों का कहना है कि e-KYC किए बिना और सभी डिटेल भरे बिना किसान को किस्त नहीं मिलेगी. काफी संख्या में अपात्र भी योजना का लाभ ले रहे थे. केंद्र सरकार ने मुहिम चलाकर सभी को साफ करने की कोशिश की है. अब यह भी जानना जरूरी है कि किसको प्रधानमंत्री सम्मान निधि की किस्त मिलेगी और किसे नहीं?



इनके खाते में धनराशि नहीं भेजेगी केंद्र सरकार 


 



  • टैक्स चुकता करने वाले को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

  • पति पत्नी को भी एक साथ नहीं मिलेगी किस्त 

  • पति पत्नी में कोई इनकम टैक्स भर रहा है, उसे भी धनराशि नहीं मिलेगी

  • लगान पर खेेती करने वालों को भी नहीं मिलेगा पैसा

  • डॉक्टर, इंजीनियर, एडवोकेट, सरकारी नौकरी, प्रोफेसर, प्रोपफेशनल जॉब, हाई सैलरी वाले भी अपात्र 

  • 10 हजार रुपये से अधिक मंथली पेंशन लेने वाले भी नहीं ले सकेंगे लाभ

  • इसके अलावा अन्य कुछ और कैटेगरी शामिल हैं


अपात्र साढ़े 4 करोड़ किसानों को नहीं मिली धनराशि
केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकारों ने अपात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की लिस्ट से साफ कर दिया है. हालाांकि अभी भी यह सफाई अभियान जारी है. केंद्र सरकार के निर्देश पर सभी स्टेट गवर्नमेंट ने ऐसे ही किसानों की छंटनी की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8000 किसानों को 16 हजार करोड़ की धनराशि जारी की थी. देशभर में करीब साढ़े 4 करोड़ किसान योजना के खाते में धनराशि नहीं पहुंची. ई-केवाईसी पूरा न होने तक इन्हें अपात्र माना गया है. 


मामूली गलती से रिजेक्ट हो गए खाते
12 वीं किस्त के लिए बैंक अकाउंट में मामूली कमी पर भी किसानों के खाते रिजेक्ट कर दिए गए. किसी किसान का बैंक में नाम, बैंक खाता, आधार कार्ड, पेनकार्ड आदि डिटेल भरने में थोड़ी कमी हो गई. अकेले उत्तरप्रदेश के पीलीभीत में ही 17 हजार अधिक खाते पीएम सम्मान निधि की धनराशि नहीं पहुंची. इसके पीछे वजह बताई गई कि किसानों के खाते में छोटी मोटी कमियां थीं. इस कारण उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल सका है. उत्तरप्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, हापुड़, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, कानपुर, अलीगढ़, गोरखपुर समेत सभी जिलों में ऐसे किसानों की संख्या देखी जा रही है. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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