PM Kisan Samman Nidhi: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 12 किस्त किसानों के खाते में पहुंच गई है. 13 वीं किस्त का किसान भाई इंतजार कर रहे हैं. जनवरी में किस्त आने की संभावना मुश्किल लग रही है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि बिना ई-केवाईसी किसी भी किसान के खाते में किस्त नहीं भेजी जाएगी. देश के कई राज्यों में किसानों की ई-केवाईसी नहीं हो सकी है. ऐसे लोगों को जागरुक करने के लिए राज्य सरकार की ओर से भी अभियान चलाया जा रहा है. 


ई-केवाईसी के लिए आज अभियान चलाएगी योगी सरकार
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा किसान पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं. इसके पीछे वजह है कि प्रदेश में अन्य राज्यों के सापेक्ष किसान अधिक हैं. केंद्र सरकार की छंटनी के बाद प्रदेश के लाखों किसानों को 12 वीं किस्त नहीं मिली. संभावना है कि इन्हें 13 वीं किस्त भी न मिले. कोई पात्र किसान किस्त पाने से वंचित न रह जाए. इसको लेकर योगी सरकार अभियान चला रही है. प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार, 20 जनवरी को सभी जनसेवा केंद्र और बैंकों में ई-केवाईसी के लिए अभियान चलाया गया. अब यह अभियान 21 जनवरी यानी कल भी चलेगा. इस मौके पर भूलेखों को की आधार सीडिंग और एनपीसीआई से लिंक भी कराया जाएगा. 
 
गांव-गांव चस्पा हो रही किसानों की लिस्ट
प्रदेश सरकार के निर्देश पर सभी गांवों में अभियान चलाया जा रहा है. जिन किसानों की ई-केवाईसी नहीं हुई है. अन्य जानकारी अधूरी है. केंद्र सरकार सभी किसानों की प्रदेश के सभी गांवों की ग्राम पंचायतों पर सूची चस्पा करा रही है. इस सूची प्रकाशन का लाभ ये हो रहा है कि जिस किसान का नाम लिस्ट में शामिल नहीं है. वो कृषि विभाग पहुंचकर अपना नाम जुड़वा ले रहा है. खुली बैठक कर अधिकारी किसानों की समस्याएं सुन रहे हैं. 


65 लाख किसानों का नहीं हुआ ई-केवाईसी
उत्तर प्रदेश सरकार के अभियान चलाने के बाद किसान ई-केवाईसी कराने नहीं पहुंच रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 2.13 करोड़ किसानों में से 1.48 करोड़ का ई-केवाईसी हो सकी है. 65 लाख किसानों की ई-केवाईसी पूरी नहीं हो पाई है. 0.65 करोड़ किसानों का भूलेख अंकन संपन्न हो चुका है. 1.64 करोड़ किसानों का बैंक खाते से आधार लिंक कर दिया गया है. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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