PM Kisan Samman Nidhi: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 12 किस्त किसानों के खाते में पहुंच चुकी हैं. किसान 13 वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं. अपात्र व ई-केवाईसी न करा पाने के कारण करोड़ों की संख्या में किसान 12 वीं किस्त पाने से वंचित रह गए थे. 13 वीं किस्त खाते में आएगी या नहीं. इसे लेकर किसानों की धड़कनें बढ़ी हुई है. किसान एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट जाकर 13 वीं किस्त के बारे में जानकारी ले रहे हैं. कुछ किसान ऑनलाइन भी जानकारी जुटा रहे हैं. वहीं, कई राज्यों मे किसान इतने लापरवाह भी बने हैं. उन्हें ई-केवाईसी कराने की जरूरत ही नहीं लग रही है. उनके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतिम तारीख तय कर दी है. 


96 हजार किसानों की नहीं हुई ई-केवाईसी


उत्तर प्रदेश के रामपुर में बड़ी संख्या में किसान ई-केवाईसी कराने से वंचित रह गए हैं. दरअसल, रामपुर में किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों की संख्या 2.82 लाख है. इनमें से 96 हजार 474 किसानों की ई-केवाईसी नहीं हो सकी है. इतनी बड़ी संख्या में किसानों की ई-केवाईसी न होने से एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारी भी परेशान हैं. किसानों से ई-केवाईसी कराने की अपील की जा रही है. 


10 जनवरी तक करा लें ई-केवाईसी


रामपुर के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि जिले में करीब 96 हजार किसानों की ई-केवाईसी नहीं हो सकी है. ऐसे किसानों को 10 जनवरी तक मोहलत दी गई है. किसान एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट पहुंचकर या ऑनलाइन ही अपने खाते की ई-केवाईसी करा लें. यदि ऐसा नहीं किया गया तो उन्हें 13 वीं किस्त से हाथ धोना पड़ेगा. 


गांवों में सूची की गई चस्पा


किसानों को 13 वीं किस्त मिल जाए. इसको लेकर स्थानीय प्रशासन लगातार कवायद में जुटा है. उत्तर प्रदेश में जिलों की संख्या 75 है. इन जिलों में लाखों की संख्या में किसान ई-केवाईसी नहीं करा पाए हैं. जिन किसानों की ई-केवाईसी नहीं हुई है. उनकी सूची बनाकर गांवों की दीवारों पर चस्पा की जा रही है, ताकि किसान 10 जनवरी तक हर हाल में ई-केवाईसी करा लें. किसानों की मदद के लिए डोर टू डोर ई-केवाईसी भी कराया जा रहा है. 


2 करोड़ किसानों को नहीं मिली थी 12 वीं किस्त


किसानों के खाते में 12 किस्त पहुंच चुकी हैं. लेकिन इन 12 किस्तों में सबसे ज्यादा किसान 12 वीं किस्त पाने से ही वंचित रह गए. दरअसल, केंद्र सरकार को शिकायत मिल रही थी कि देशभर में काफी संख्या में अपात्र प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं. केंद्र सरकार ने ऐसे किसानों के सफाए के लिए छंटनी अभियान चलाया. करीब 2 करोड़ किसान अपात्र और ई-केवाईसी नहीं होने के कारण बाहर कर दिए गए. उन्हें किस्त नहीं मिल सकी. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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