PM Kisan Samman Nidhi: ई-केवाईसी नहीं, मोबाइल नंबर बदलने से अटक गई 33 लाख किसानों की किस्त, वापस लेनी है तो किसान भाई ये काम जरूर करें
प्रधानमंत्री सम्मान निधि की किस्त पाने के लिए जितना जरूरी ई-केवाईसी होना है. उतना ही जरूरी, मोबाइल नंबर अपडेट होना भी है. उत्तर प्रदेश में इसी कारण ही 33 लाख किसानों को किस्त नहीं मिली है.
PM Kisan Scheme 13th Installment: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 12 किस्तें किसानों के खाते में जा चुकी हैं. किसानों को अब 13 वीं किस्त का इंतजार है. जिन किसानों के खाते में 12वीं किस्त नहीं पहुंची हैं. वो किसान ऑनलाइन सेवा केंद्र और कृषि विभाग पहुंचकर जानकारी ले रहे हैं. किसानों को डर है कि जैसे 12 वीं किस्त अटकी है. कहीं उनकी 13 वीं किस्त और न अटक जाए. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि बिना अपडेशन के किसानों को पैसा नहीं मिल सकेगा.
मोबाइल नंबर बदला तो अटकी 33 लाख किसानों की किस्त
अभी तक किस्त पाने के लिए ई-केवाईसी होना जरूरी था. लेकिन इतना होना ही काफी नहीं है. अब किस्त न आने की बड़ी वजह मोबाइल नंबर भी बन सकता है. दरअसल, इसी कारण उत्तर प्रदेश के 33 लाख किसानों की किस्त अटक गई है. फोन नंबर बदल लेने के कारण ई-केवाईसी पूरी नहीं हो सकी. दूसरा कारण आधार कार्ड लिंक नहीं मिला. कृषि विभाग के अधिकारी अब घर घर जाकर मोबाइल नंबर अपडेट करा रहे हैं.
इस वजह से आई दिक्कत
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आधार कार्ड से किसानों के जो मोबाइल नंबर लिंक हैं. प्रदेश में काफी किसानों ने उन नंबरों को बदल दिया है. उसकी जगह दूसरी कंपनी के नंबर ले लिए हैं. अब वेरीफाई करने के लिए पंजीकृत नंबर पर ओटीपी जाता है. लेकिन नंबर बंद होने से ओटीपी नहीं आता है तो किसानों की ई-केवाईसी नहीं हो पा रही है. किसानों को अवेयर करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.
2.41 करोड़ किसानों को मिली थी 11 वीं किस्त
देश में सबसे ज्यादा किस्त उत्तर प्रदेश के किसान ही ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश के 2.41 करोड़ किसानों को योजना की 11 वीं किस्त मिली थी. 12 वीं किस्त में किसानों की संख्या घटकर 1.79 करोड़ रह गई. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसानों की संख्या घटने के पीछे वजह ये है कि काफी संख्या में अपात्र किसान योजना का लाभ ले रहे थे. वहीं काफी ऐसे किसान भी थे. जिन्होंने ई-केवाईसी नहीं कराई थी. अब ई-केवाईसी करवाने वाले किसानों को ही योजना का लाभ मिल सकेगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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