PM Kisan Scheme 13th Installment: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 13 वीं किस्त किसानों के खाते में नहीं पहुंची है. किसान इस किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इधर, किस्त जारी होने से पहले विभिन्न राज्यों में किसानों की पात्रता और अपात्रता की जांच की जा रही है. अपात्र होने के कारण करोड़ों की संख्या में किसान निधि पाने की लिस्ट से बाहर कर दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड समेत सभी राज्यों में किसानों की जांच जारी है. बिहार में भी ऐसे ही किसानों को लिस्ट से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. 


बिहार के अररिया में निरस्त किए आवेदन
बिहार के अररिया काफी संख्या में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं. किसान परेशान हैं. आपनी पात्रता तय करने और ऑनलाइन आवेदन के करने के लिए ऑनलाइन केंद्र और कृषि विभाग के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि ई-केवाईसी व अन्य प्रोसेस पूरा होने के बाद ही किसानों की धनराशि उनके खाते में पहुंचेगी. 


4.49 लाख में से 1.11 लाख आवेदन रिजेक्ट
जिला कृषि विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, अररिया के अलग अलग प्रखंड से 449983 किसानों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पाने के लिए आवेदन किया. आवेदन करने के बाद किसान किस्त को लेकर बिल्कुल निश्चिंत हो गए कि उनके खाते में किस्त जरूर आ जाएगी. लेकिन कृषि विभाग ने इनमें से 338845 किसानों का आवेदन सभी तय शर्तां का पूरा होता देख विभागीय स्तर से स्वीकार कर लिया गया. जबकि 111136 किसान केंद्र सरकार के मानकों पर खरा नहीं उतरे और उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया. 


प्रखंड वार इतने किसानों ने किया आवेदन
जोकीहाट में 136339, अररिया प्रखंड में 46989 किसान, भरगामा में 29042, पफारबिसगंज में 38031, कुर्साकांटा में 24765, नरपतगंज में 48951, पलासी में 57005, रानीगंज में 41080, सिकटी में 27781 किसानों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ लेने के लिए आवेदन किया. सभी आवेदन की विभागीय स्तर से जांच पड़ताल की गई. उसके बाद ही आवेदन निरस्तीकरण की कार्रवाई की गई. 


इस वजह से आवेदन हुए निरस्त
अधिकारियों की जांच में सामने आया कि किसानों ने जमीनों के कागजात ही सही ढंग से जमा नहीं किए. जमीन एक ही व्यक्ति के नाम थी. उसी पर परिवार के कई सदस्यों ने किसान सम्मान निधि पाने के लिए आवेदन कर दिया. बताया गया है कि एक ही जमीन पर परिवार के अन्य सदस्य भी लाभ लेना चाहते थे. अधिकारियों ने इस तरह के आवेदन को फर्जी मानते हुए निरस्त कर दिया. इसके अलावा काफी किसानों की अन्य डिटेल भी सही ढंग से नहीं दी गई थीं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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