Stubble Management: पराली जलाने से स्मॉग का खतरा रहता है. यही स्मॉग सांसों पर अटैक करता है और जमीन की उर्वरक क्षमता भी घटने लगती है. पराली जलाने से होने वाले खतरों को देखते हुए केंद्र सरकार के निर्देश पर सभी स्टेट गवर्नमेंट कदम उठा रही हैं. किसानों पर एक्शन लिया जा रहा है. बावजूद इसके किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. अब स्टेट गवर्नमेंट ने तय किया है कि जो किसान पराली जला रहे हैं. उन्हें सरकारी योजनाओं से वंचित कर दिया जाए. 


9 किसानों की रोकी किसान सम्मान निधि


Uttar Pradesh के गोरखपुर में पहले ही जिला प्रशासन और एग्रीकल्चर डिपार्टमेेंट ने निर्देश जारी कर दिए थे कि जो भी किसान पराली जलाते मिले. उसे तुरंत ही सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाए. इसको लेकर जिला प्रशासन स्तर से कवायद जारी है. वहीं, उत्तर प्रदेश के देवरिया में पराली जलाने वाले किसानों के खिलापफ कार्रवाई कर दी गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर ने जिले के 9 किसानों को पराली जलाता मिलने पर किसान सम्मान निधि पर रोक लगाते हुए नोेिटस जारी कर दिया है. इन किसानों को मिलने वाली अन्य सरकारी योजनाओं पर भी आजीवन बैन लगाने पर विचार किया जा रहा है. वहीं, उत्तर प्रदेश के हापुड़, सहारनपुर, मेरठ, बुलंदशहर, शामली, गाजियाबाद समेत अन्य जिलों में भी पराली जलाने वाले किसानों को चिन्हित किया जा रहा है. उधर, BIHAR में भी पराली जलाने वाले किसानों को सरकारी योजना से वंचित करने का निर्णय लिया गया है.


2500 रुपये जुर्माने का प्रावधान


पराली जलाने से होने वाले नुकसान और गवर्नमेंट की ओर से होने वाली कार्रवाई के संबंध में लोगों को अवेयर किया जा रहा है. किसानों को भी वार्निंग दी जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि यदि कोई किसान खेत में पराली जलाता मिला तो उसके खिलापफ 1500 से 2500 रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं, हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों से 26 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया है. हरियाणा गवर्नमेंट की सख्ती के कारण हरियाणा में पराली जलाने का ग्राफ पिछली साल के मुकाबले 46 प्रतिशत तक घट गया है. 


पंजाब में जल रही सबसे ज्यादा पराली


हरियाणा में जहां पराली जलाने के मामले कम हुए हैं. वहीं, पंजाब में अभी भी सबसे ज्यादा पराली जलाई जा रही है. यहां अभी तक 49 हजार से अधिक पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं. इस साल यह आंकड़ा 55 हजार तक पहुंचने का अनुमान है. स्टेट गवर्नमेंट पराली जलाने वालों के खिलाफ एक्शन ले रही हैं. स्टेट गवर्नमेंट के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल के सापेक्ष इस साल पराली जलाने के केस कम हुए हैं. हमारी कोशिश है कि कोई व्यक्ति राज्य में पराली जलाता न मिले. इसके लिए किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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