PM Kisan Samman Nidhi Yojana के तहत 17 अक्टूबर 2022 को 12 वीं किस्त के 2,000 रुपये किसानों को भेजे जा चुके हैं. आंकड़े बताते हैं कि करीब 16 करोड़ से अधिक की रकम 8 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर हुई है, लेकिन अभी भी पीएम किसान योजना में पंजीकृत करीब 2 करोड़ किसानों को 2,000 रुपये का लाभ नहीं मिला है. हाल ही में जारी एक मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि पंजाब के भी करीब 88 फीसदी पंजीकृत किसान 12वीं किस्त से वंचित है, जबकि सरकार 13वीं किस्त से किसानों को लाभान्वित करने की तैयारी कर रगही है.
कई बार सदन में भी कृषि मंत्रालय ने साफ किया है कि बड़ी संख्या में अपात्र किसान भी पीएम किसान की किस्तें उठा रहे थे, जिन्हें स्कीम से बाहर कर दिया है. कई बार सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके ई-केवाईसी और भू-आलेखों का सत्यापन करवाने के लिए भी कहा है.
क्यों नहीं मिला पैसा
कृषि मंत्रालय की ओर से संसद मे प्रस्तुत रिपोर्ट से इस बात की जानकारी मिली है कि पंजाब में पीएम किसान योजना में रजिस्टर्ड औसतन 88% किसानों के बैंक खाते में 12वीं किस्त के 2,000 रुपये नहीं पहुंचे हैं.आसान शब्दों में समझें तो अभी-भी करीब 12% पंजीकृत किसान 12वीं किस्त से वंचित हैं.इतना ही नहीं, पीएम किसान योजना का लाभ ले रहे पंजाब के किसानों की संख्या में अच्छी-खासी कटौती दर्ज की गई है.
कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़े बताते हैं कि PM Kisan Yojana में पंजाब के कुल 16 लाख 96 हजार 911 किसान पंजीकृत है. इनमें से कुल 2 लाख 05 हजार 308 किसानों को 12वीं किस्त के 2000 रुपये डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किए गए हैं, जबकि 88 फीसदी किसानों को अभी प्रोत्साहन राशि मिलना बाकी है.
इन राज्यों में भी घटी संख्या
ई-केवाईसी और लैंड रिकॉर्ड्स के वेरिफिकेशन करवाने के बाद केरल में किसानों की संख्या काफी कम हो गई है. इस लिस्ट में छत्तीसगढ़, उड़ीसा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश भी शामिल है, जहां कई अपात्र किसान 2,000रुपये की किस्तों का गलत तरीके से लाभ ले रहे थे.
फटाफट कर लें ये काम
पीएम किसान योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों को 11 वीं किस्त के 2,000 रुपये भेजने के बाद से ही सरकार ने अनियमित गतिविधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. इसका गलत असर लाभार्थी या पात्र किसानों पर ना पड़े, इसलिए किसानों को लगातार ई-केवाईसी और लैंड रिकॉर्ड्स का वेरिफिकेशन करवाने की सलाह दी जा रही है.
ये दोनों ही काम बेहद आसान है. ई-केवाईसी करवाने के लिए आपको सीएससी सेंटर जाना होगा, जबकि लैंड रिकॉर्ड्स के वेरिफिकेशन के लिए नजदीकी जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर अपनी जमीन के कागज, खतरा,खतौनी आदि की जांच करवानी होगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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